नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गुरुवार (28 जनवरी) को निर्धारित वाणिज्यिक अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के संचालन के निलंबन को 28 फरवरी 2021 तक बढ़ा दिया है। विदेशों में कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए नियमित अंतरराष्ट्रीय यात्री विमानों की उड़ानों पर लगाई गई रोक अब 28 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। डीजीसीए ने कहा कि यद्यपि चुनिंदा रूटों पर खास आधार पर अंतरराष्ट्रीय शिड्यूल्ड उड़ानों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा इजाजत दी जा सकती है। ताजा फैसले का अंतरराष्ट्रीय परिवहन उड़ानों और उसके द्वारा मंजूर की जा चुकी उड़ानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
डीजीसीए ने कहा है कि रोक अवधि बढ़ाए जाने का अंतरराष्ट्रीय कार्गो विमानों और अनुमति प्राप्त विशेष उड़ानों के संचालन पर असर नहीं पड़ेगा। माना जा रहा है कि कोरोना की नई स्ट्रेन के खतरे और यूरोपीय देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। ताजा जारी आदेश के मुताबिक अब 28 फरवरी तक कोई कमर्शियल अंतरराष्ट्रीय उड़ान ना तो भारत से बाहर जाएगी और ना ही दूसरे देश से आ सकती है।
इससे पहले विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर जारी प्रतिबंध को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था। कोरोना महामारी के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय यात्री विमान सेवाएं देश में पिछले साल 23 मार्च से ही निलंबित हैं। कोविड -19 के प्रसार की वजह से देशव्यापी तालाबंदी के कारण 25 मार्च, 2020 को यात्री हवाई सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, घरेलू उड़ान सेवाएं 25 मई 2020 से फिर से शुरू कर दी गई थीं।
क्या है एयर बबल समझौता
मई 2020 में वंदे भारत मिशन के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित की गई थीं जबकि जुलाई से चुनिंदा देशों के साथ द्विपक्षीय समझौता के तहत एयर बबल सेवाएं शुरू की गईं। 24 देशों के साथ एयर बबल समझौते भारत ने करीब 24 देशों के साथ एयर बबल समझौता किया है। इन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, भूटान व फ्रांस शामिल हैं। इस समझौते के तहत भारत ने यात्री उड़ानों के संचालन के लिए खास समझौता किया है। इसे एयर बबल नाम दिया गया है। इसके जरिए संबंधित देशों के बीच उनकी एयर लाइनें उड़ानों का संचालन कर सकती हैं।