राम रहीम गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत के साथ भागा विदेश?आज का वायरल: एक ऐसी ख़बर जिसे सुनकर आपके पैर के नीचे से जमीन खिसक जाएगी। सोशल मीडिया पर खबर फैली है कि राम-रहीम ने अपने समर्थकों को मारने का प्लान बनाया था। बलात्कारी राम -रहीम ने 70 हज़ार लोगों का आत्मघाती दस्ता यानि स्विसाइट स्क्वाड तैयार किया था। जितना ख़तरनाक बाबा का आत्मघाती दस्ता था उससे ज़्यादा ख़तरनाक ढोंगी बाबा की प्लानिंग थी...बस एक इशारा होना था और 70 हजार लोग मौत को गले लगा लेते।
आख़िर क्यों
सवाल ये है कि राम रहीम अपने ही तैयार किए आत्मघाती दस्ते को क्यों ख़त्म करना चाहता था...आख़िर अपने ही समर्थकों की जान क्यों लेना चाहता था ये ढोंगी...? इंडिया टीवी ने इस ख़बर की पड़ताल की।
क्या राम रहीम अपने समर्थकों के साथ करने जा रहा था सबसे बड़ा छल...?
जिस राम रहीम को लोग भगवान की तरह पूजते थे, जिस राम रहीम की जुबान से निकली हर बात, उसके फॉलोअर्स के लिए भगवान के आदेश की तरह होता था, क्या वही राम रहीम अपने समर्थकों के साथ करने जा रहा था सबसे बड़ा छल...? क्या राम रहीम उन्हीं लोगों की जान लेना चाहता था जो उन पर अंधा विश्वास करते थे...?
क्या डेरे पर आस्था रखने वालों को अपना ढाल बनाना चाहता था राम रहीम?
राम रहीम का ये घिनौना प्लान अगर कामयाब होता तो दुनिया भर में सनसनी मच जाती। ये एक ऐसी साजिश होती, जिससे सरकारें हिल जाती, देश पर एक काला धब्बा लग गया होता। दावा ये किया जा रहा है कि राम रहीम की सज़ा के ऐलान के तुरंत बाद उसके 70 हजार फॉलोअर्स खुदकुशी करने वाले थे। अगर से प्लान कामयाब होता तो बड़े बड़े आडंबर रचने वाले राम रहीम का सबसे घिनौना रूप दुनिया का सामने आता। लेकन सवाल यही था कि ऐसी खौफनाक प्लानिंग क्यों की थी राम रहीम ने।
राम रहीम गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत के साथ भागा विदेश?
सोशल मीडिया पर वायरल हुई ये बात
सोशल मीडिया पर जो खबर फैल रही थी, उसके मुताबिक राम रहीम खुद को जेल से बचाने के लिए लोगों की कुर्बानी लेने वाला था। उधर कोर्ट से सजा का ऐलान होता और इधर राम रहीम के फॉलोअर्स में बांट दिया जाता मौत का सामान। 70 हजार लोगों की एक साथ खुदकुशी से सरकार बैकफुट पर आती, प्रशासन हिल जाता और कोर्ट सकते में आ जाता। राम रहीम दुनिया को दिखाता कि सिर्फ सज़ा मिलने पर अगर सत्तर हज़ार लोग खुदकुशी कर सकते हैं, तो उसे जेल भेजा गया तो क्या होगा।
इस खबर को जिसने भी देखा वो सन्न रह गया। लोग इस पर दनादन अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
अपूर्व मल्होत्रा ने लिखा- ''राम रहीम का भरोसा नहीं, वो खुद को बचाने के लिए ऐसा कर सकता है।''
हनी सिंह ने लिखा- ''इस देश में मूर्खों की कमी नहीं है, जब ऐसे बाबा के अंध भक्त हो सकते हैं, तो उसके लिए लोग खुदकुशी भी कर सकते हैं।''
हरमन ने ट्वीट किया- ''इसी वजह से बाबा ने डेरे में भक्तों को जमा किया होगा... उसके साथियों को ढूंढना चाहिए।''
राजीव गुप्ता ने लिखा- ''अगर ऐसा हो जाता तो हम कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहते''
सुषमा ने लिखा... ऐसे बल्ताकारी बाबाओं को तुरंत फांसी पर लटका देना चाहिए...
रमेश शर्मा ने लिखा- ये बाबा सिर्फ बलात्कारी ही नहीं मर्डरर भी है... इसे तो गोली मार देनी चाहिए।''
रेशमा ने लिखा- ''राम रहीम के करीबियों से सख्ती से पूछताछ होनी चाहिए, इससे सच सामने आ जाएगा... प्लानिंग करने वालों को फांसी दी जाए।''
तो मसाज के लिए हनीप्रीत को जेल में साथ रखना चाहता है राम रहीम!
सोशल मीडिया पर : ख़बर को सही बताने के लिए क़ुर्बानी गैंग का हवाला दिया गया
सोशल मीडिया पर राम रहीम की इस खबर को सही बताने के लिए कुर्बानी गैंग का हवाला दिया गया। राम रहीम ने एक बलिदानी जत्था बनाया था। इस जत्थे में करीब पांच हजार लोग शामिल थे। राम रहीम की कुर्बानी गैंग के सदस्यों से एक एफिडेविट लिया जाता था जिसमें लिखा होता था कि वो अपनी मौत के खुद जिम्मेदार हैं और वो जांच एजेंसियों से परेशान होकर ऐसा कर रहे हैं।
39 साल पहले अमेरिका में भी एक गुरू ने लोगों का ब्रेनवॉश किया था
पहली बार 2007 में कुर्बानी गैंग का कारनामा सामने आया था। तब राम रहीम के खिलाफ बठिंडा में कम्यूनल वायलेंस का केस दर्ज हुआ था, उस वक्त सिरसा में हजारों की संख्या में डेरा प्रेमी इकट्ठा हुए थे। सरकार पर दबाव बनाने के लिए तब बलिदानी जत्थे के एक युवक ने खुद को आग लगा कर जान दे दी थी। उसे डेरे में शहीद का दर्जा दिया गया था। इसके बाद ऐलान किया गया था कि जो भी डेरा प्रमुख के लिए अपनी जान कुर्बान करेगा उसे शहीद का दर्जा मिलेगा और उसके परिवार को 11 लाख रुपए दिए जाएंगे।
10 साल पुरानी इस खबर को देखते हुए इस वायरल मैसेज पर भी लोगों ने यकीन कर लिया। लोगों को भरोसा हो गया कि राम रहीम सत्तर हजार लोगों से मास सुसाइड करवाने वाला था। कुछ लोगों ने इस खबर को अमेरिका की एक घटना से भी जोड़ा। आज से 39 साल पहले अमेरिका में भी एक गुरू ने लोगों का ब्रेनवॉश किया था और सैकड़ों लोगों से मास सुसाइड करवाया था। ये घटना 18 नवंबर 1978 में अमेरिका के जोन्सटाउन में हुई थी। कम्यूनिस्ट विचारधारा वाले एक शख्स जिम जोंस ने अपने फॉलोवर्स के लिए अलग चर्च बनाया था इसका नाम दिया था पीपल्स टेंपल। अमेरिकी सरकार से उसके मतभेद थे, उसने साउथ अमेरिका के गुयाना में अपने और अपने फॉलोअर्स के लिए अलग दुनिया बना ली थी, लेकिन सरकार ने जब उसे और उसके फॉलोवर्स को हटाना चाहा तब जिम ने इसे सरकार की क्रूरता बताया और अपने फॉलोअर्स से एक साथ सुसाइड करने की अपील की। उसके ज्यादातर फॉलोअर्स ने जिम की बात मान ली और साइनाइड पी लिया। इस मास सुसाइड और मर्डर में 918 लोगों की मौत हुई थी।
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जिम जोंस और राम रहीम में समानता दिखायी गयी
सोशल मीडिया पर बाबा राम रहीम की खबर को इसी घटना से जोड़ा गया, जिम जोंस और राम रहीम में समानता दिखायी गयी। दोनो खुद को मसीहा मानते थे, खुद को सरकारों से बडा़ मानते थे। इनकी सोच व्यवस्था से टकराव वाली थी इसलिए इस बात को हवा मिली कि राम रहीम भी अमेरिका के जिम जोंस की तरह ही अपने फॉलोअर्स से सुसाइड करवाने की प्लानिंग की थी।
एक और वजह थी जिससे लोगों को यकीन हुआ… डेरे का इतिहास
एक और वजह थी जिससे लोगों को यकीन हुआ कि राम रहीम ऐसा करवा सकता है और वो थी डेरे का इतिहास। राम रहीम पर मर्डर के भी आरोप लगे थे जो उसकी बात नहीं मानता उसे मरवा भी चुका था राम रहीम। राम रहीम के डेरे में, राम रहीम के बेहद करीब रह चुके लोगों ने दावा किया है कि राम रहीम ने कई लोगों की हत्या करवायी है। जो भी उसके खिलाफ होता, उसे रास्ते से हटवा देता था। पूर्व सेवादारों ने तो यहां तक दावा किया है कि राम रहीम के महल की नींव अगर खोदी जाए तो वहां सेवादारों की लाशें मिलेंगी।
सोशल मीडिया पर फैली खबर में ये भी दावा किया गया कि पुलिस और आर्मी जब डेरे में पहुंची तो वो कुछ कागज़ात देख कर हैरान रह गए थे। उन्हें डेरे से लोगों के नाम, नंबर और आधार नंबर के साथ 70 हजार लोगों की लिस्ट मिली है। इस लिस्ट के साथ उनके एफिडेविट भी मिले हैं, जिसमें लिखा है कि वो अपनी मौत की जिम्मेदारी खुद लेते हैं और इसके लिए किसी और को दोषी न ठहराया जाए।
ख़ुद को भगवान साबित करने की सनक
इस बारे में पुलिस अधिकारियों कैमरे पर कुछ भी बोलने से तो इनकार कर दिया लेकिन ये जरूरी कहा कि राम रहीम एक क्रिमिनल मांइडसेट वाला ऐसा शख्स है जिसे खुद को भगवान साबित करने की सनक है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि जेल जाने के डर से राम रहीम बौखलाया हुआ था, वो पागल हो चुका था इसलिए वो कुछ भी कर सकता है।
इतने सारे लोग एक साथ मौत को गले लगा लें, ये थ्योरी हज़म नहीं होती…
अब तक राम रहीम पर जो आरोप लगे हैं, उसमें रेप के आरोप साबित हुए हैं, मर्डर के आरोप चल रहे हैं। बारी बारी से लोगों की हत्याएं करवाना और बात है, और एक साथ हजारों लोगों को कतार में खड़ा कर उनसे खुदकुशी करवाना अलग बात है। पहली बात तो ये कि सत्तर हजार लोगों के लिए डेरे में जहर का इंतजाम करना था, ये मुमकिन नहीं लगता। दूसरी बात ये कि इतने सारे लोग एक साथ मौत को गले लगा लें, ये थ्योरी हज़म नहीं होती।
…इसलिए राम रहीम की इस प्लानिंग का पता नहीं चल पाया
सोशल मीडिया पर ये भी दावा किया गया कि पुलिस जबतक सिरसा डेरे में पहुंची तबतक देर हो चुकी थी। गुरमीत राम रहीम के करीबी लोग सारे सबूत लेकर फरार हो गए थे, इसलिए राम रहीम की इस प्लानिंग का पता नहीं चल पाया। लोगों ने बताया कि गुरमीत का परिवार जब राजस्थान के लिए निकला था तो उनके साथ कई गाड़ियां गयीं थी, उन्हीं गाड़ियों में मास सुसाइड के सारे सबूत भी थे। ये भी दावा किया गया कि इसी वजह से सरिसा में आर्मी को डेरा पर कब्जा लेने नहीं दिया गया था।
IndiaTV की पड़ताल: सोशल मीडिया के दावे और हक़ीक़त में ज़मीन आसमान का फ़र्क़
सोशल मीडिया के दावे और हकीकत में आसमान जमीन का फर्क है। राम रहीम को सज़ा सुनाने के तुरंत बाद डेरे की घेरेबंदी कर दी गयी थी। वहां से किसी का निकल कर भागना मुमकिन नहीं था इसलिए वहां से कोई सबूत लेकर भाग पाए ये संभव नहीं था। इंडिया टीवी की टीम भी सिरसा के डेरे सामने दिन रात डंटी रही। यहां हमें डेरा के लोग तोड़फोड़ करते तो नजर आए लेकिन यहां ज़हर खा कर मौत को गले लगाने वाला कोई नज़र नहीं आया और न ही इस तरह की बात डेरे के समर्थकों के बीच हो रही थी।
सेना ने सज़ा सुनाए जाने के कई घंटे बाद डेरे पर कब्जा किया था। अगर मास सुसाइड की प्लानिंग होती तो तब तक लोग खुदकुशी कर चुके होते। वो सेना और पुलिस के आने का इंतजार नहीं करते। वो उनपर हमला नहीं करते। डेरा समर्थकों को अगर खुदकुशी करनी होती तो वे लोग इतने बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और आगजनी नहीं करते। उस दिन जहां भी डेरा समर्थक दिखे, जिन्हें भी पकड़ा गया उनके पास सिर्फ तोड़फोड़ और आगजनी का सामान मिला लेकिन किसी के पास जहर नहीं मिला। सिरसा के डेरे में भी जब आर्मी गयी तो उन्हें कहीं ज़हर का ट्रेस नहीं मिला। इंडिया टीवी की पड़ताल में ये बात साबित हुई कि सोशल मीडिया पर मास सुसाइड की फैली खबर झूठी थी।