नई दिल्ली। पुलिस सुत्रों के मुताबिक, दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामील हुए 10 लोग 6 दिनों तक मुंबई के धारावी में थे। इस दौरान यह सभी 4 अलग-अलग जगहों पर रुके थे। धारावी में रहने वाले जिस 56 साल के व्यक्ती की मौत हुई है, उससे भी तबलीगी जमात के ये लोग मिले थे। 23 मार्च के बाद यह सभी केरल चले गए। धारावी में जिन-जिन जगहों पर मरकज के लोग गए थे वहां की जानकारी पुलिस जुटा रही है।
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मुंबई के धारावी में कोरोना वायरस का मरीज मिलने के बाद प्रशासन समेत लोगों में हड़कंप मच गया है। तबलीगी जमात के बाद इस कालोनी ने सभी की नींद उड़ा दी है। आपको बता दें कि धारावी एशिया की सबसे बड़ी स्लम कॉलोनी है। करीब 520 एकड़ में फैले इस स्लम इलाके में करीब सात लाख लोग रहते हैं। यह इलाका इतना सघन है कि यदि कोई अनजान आदमी इसमें घुस जाए तो शायद दिनभर में भी यहां से नहीं निकल सकेगा। इसीलिए धारावी दुनिया के सबसे सघन इलाकों में गिना भी जाता है।
महाराष्ट्र में 490 कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले सामने आए हैं जबकि मुंबई में 279 कोरोना के मामले सामने आए हैं। देश में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले महाराष्ट्र से ही सामने आए हैं। महाराष्ट्र में ही अबतक कोरोना वायरस की वजह से सबसे ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।