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गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार दिखाई गई 'धनुष' तोप, अपाचे और चिनूक हैलीकॉप्टर ने किया शक्ति प्रदर्शन

राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह कई नजरियों से बहुत खास रहा। रविवार को इस समारोह में भारतीय सैन्य शक्ति का प्रदर्शन दुनिया ने देखा। परेड में कई हथियार और हैलीकॉप्टर पहली बार शामिल किए गए।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : January 26, 2020 12:53 IST
गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार दिखाई गई 'धनुष' तोप
गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार दिखाई गई 'धनुष' तोप

नई दिल्ली: राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह कई नजरियों से बहुत खास रहा। रविवार को इस समारोह में भारतीय सैन्य शक्ति का प्रदर्शन दुनिया ने देखा। परेड में कई हथियार और हैलीकॉप्टर पहले बार शामिल किए गए। ‘धनुष’ तोप का प्रदर्शन भी परेड में पहली बार ही किया गया। 'धनुष' का प्रदर्शन कैप्टन मृगांक भारद्वाज की कमान में किया गया। 155एमएम/45 कैलीबर धनुष तोप को होवित्जर तोप की तरह डिजाइन किया गया है। यह आयुध निर्माणी बोर्ड द्वारा स्वदेश निर्मित है। अधिकतम 36.5 किलोमीटर दूरी की मारक क्षमता वाली इस तोप में स्वचालित बंदूक अलाइनमेंट और पोजिशनिंग की क्षमता है। इस तोप को सेना की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाया गया है।

अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टर

राजपथ पर आज का गणतंत्र दिवस समारोह बेहद खास रहा। क्योंकि, इसमें पहली बार चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर पेश किए गए। चिनूक और अपाचे ने राजपथ से पूरी दुनिया के सामने शक्तिप्रदर्शन किया। हिंदुस्तान के आसमान के ये दो सितारों ने पहली बार गणतंत्र दिवस परेड की फ्लाई पास्ट में हिस्सा लिया। अपाचे अटैक जबकि चिनूक ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर है। एडवांस मल्टी रोल कॉम्बेट हेलिकॉप्टर अपाचे हवा से हवा और हवा से जमीन पर अटैक का महारथी है। वहीं, चिनूक हैलीकॉप्टर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सौ मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। चिनूक 10 टन तक के वजन को उठाकर कहीं भी ले जा सकता है।

एंटी सेटेलाइट मिसाइल

एंटी सैटेलाइट मिसाइल यानी एसेट, इस बार की परेड का सबसे बड़ा सामरिक हथियार है। पिछले साल 27 मार्च को डीआरडीओ ने एसेट का सफल टेस्ट किया था। एसेट 10 सेंटीमीटर की सटिकता के साथ दुश्मन की मिसाइल या फिर सेटेलाइट को हिट टू किल मोड पर नष्ट कर सकती है। एसेट के जरिए भारत अमेरिका, रूस, चीन के ऐसे एलीट क्लब में शामिल हो गया है जिसके पास अंतरिक्ष में युद्ध लड़ने की ताकत है। गणतंत्र दिवस परेड में एंटी सैटेलाइट मिसाइल को भी पेश किया गया।

K 9 वज्र तोप

K 9 वज्र तोप जब राजपथ पर गड़गड़ाते हुए आगे बढ़ी तो दुश्मन के दिला देने वाला मंजर ऊभरकर सामने आया। पहली बार 26 जनवरी की परेड में शामिल हुई ये तोप हाल ही में सेना में शामिल हुई है। K 9 वज्र 155 एमएम/52 कैलिबर, ट्रैक्ड, सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर है। 40 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली ये तोप 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकती है।

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