नई दिल्ली। देवी अन्नपूर्णा की प्राचीन मूर्ति जो लगभग 100 साल पहले वाराणसी के घाट से चोरी हो गई थी वापस भारत को मिलने जा रही है। यह मूर्ति कनाडा रेजिना विश्वविद्यालय की ऑर्ट गैलरी में मिली है और जल्द ही इसे कनाडा से वापस वाराणसी लाया जाएगा क्योंकि कनाडा का विश्वविद्यालय इसे भारत को सौंपेगा।
कनाडा के विश्वविद्यालय में रखी देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति पर दिव्या मेहरा नाम की एक कलाकार ने लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि मूर्ति को गलत तरीके से 100 वर्ष पहले वहां लाया गया है। शुक्रवार को विश्वविद्यालय के उप कुलपति ने कनाडा में भारतीय राजदूत के साथ एक वर्चुअल मुलाकात की और आधिकारिक तौर पर उन्हें देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति सौंपी। भारतीय राजदूत ने इसके लिए कनाडा के विश्वविद्यालय का धन्यवाद किया है।
मूर्ति की वसीयत 1936 में मैकेंजी ने करवाई थी और विश्वविद्यालय की गैलरी के संग्रह में जोड़ा गया था। इसके बाद इसका नाम रखा गया। दिव्या ने मुद्दा उठाया और कहा था कि यह अवैध रूप से कनाडा में लाई गई है। मूर्ति शोध में सामने आया कि मैकेंजी ने 1913 में भारत की यात्रा की थी। बताया जा रहा है कि यह मूर्ति उसी के बाद यहां से कनाडा पहुंची। अन्नपूर्णा माता अपने एक हाथ में खीर और दूसरे में चम्मच लिए हुए हैं।