मुम्बई: महाराष्ट्र विधानसभाध्यक्ष द्वारा बुधवार को हिन्दुत्व के प्रणेता विनायक दामोदर सावरकर के सम्मान में एक सरकारी प्रस्ताव की भाजपा की मांग खारिज किये जाने के मद्देनजर पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर सीधे निशाना साधा और उसे सत्ता के लिए ‘‘लाचार’’ करार दिया। भाजपा ने बुधवार को सावरकर की पुण्यतिथि पर उनके सम्मान में प्रस्ताव की मांग की थी। फडणवीस ने कहा, ‘‘भाजपा सावरकर को ‘स्वातंत्रयवीर’ नहीं एक ‘माफीवीर’ बताने को लेकर कांग्रेस की पत्रिका शिदोरी पर रोक भी चाहती है।’’
विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा कि पत्रिका में आपत्तिजनक सामग्री प्रकाशित की गई है, जिसमें कहा गया है कि सावरकर को बलात्कार के लिए दंडित किया गया था। इससे पहले फडणवीस ने निचले सदन में पत्रिका की प्रति फाड़ दी थी। फडणवीस ने प्रस्ताव खारिज होने के बाद विधानमंडल इमारत के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, मैंने इससे पहले ऐसी ‘लाचार’ शिवसेना नहीं देखी।’’
उन्होंने याद किया कि किस तरह से शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने सावरकर का अपमान करने के लिए कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की (तस्वीर) वाले बैनर को जूते मारे थे। अगस्त 2004 में शिवसेना ने अय्यर और कांग्रेस की निंदा करने के लिए "जोडा मारा" (जूता मारो) आंदोलन शुरू किया था। शिवसेना ने उक्त आंदोलन अंडमान की सेलुलर जेल में सावरकर के उद्धरण युक्त पट्टिका हटाने के उनके कथित कदम के बाद उत्पन्न विवाद के बाद शुरू किया था।
बाल ठाकरे ने केंद्र की संप्रग सरकार में तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री अय्यर का पुतला फूंककर स्वयं आंदोलन की शुरुआत की थी। फडणवीस ने कहा, ‘‘लेकिन उनके पुत्र उद्धव ठाकरे, जो अब मुख्यमंत्री हैं, उन लोगों के बगल में बैठे हैं जिनके मुखपत्र में सावरकर को बलात्कारी कहा गया है।’’ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना वर्तमान में महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा कर रही है।
फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा और भाजपा जनता के बीच इस मुद्दे को उठाएगी। उन्होंने और भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने सावरकर की तस्वीर उठायी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के एक संगठन ने पिछले महीने ‘‘वीर सावरकर, कितने वीर?’’ शीर्षक से एक हिंदी पुस्तिका वितरित की थी, जिसमें सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के संबंध में कुछ विवादास्पद संदर्भ थे।