चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं थम नहीं रही है। पिछले दो दिनों में पंजाब के विभिन्न हिस्सों से 1,565 खेतों में पाराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं। पंजाब सरकार के आंकड़ों के मुताबिक रविवार शाम तक राज्य में पराली जलाने की कुल 44,746 घटनाओं की जानकारी मिली है। 8 नवंबर तक इसकी संख्या 43,181थी। सूत्रों ने बताया कि इन मामलों में सीआरपीसी धारा 188 के तहत 1,500 से अधिक एफआईआर दर्ज किए गए थे। पिछले कुछ दिनों में अकेले मुक्तसर जिले में एक सौ इकतालीस मामले दर्ज किए गए हैं।
कृषि सचिव काहन सिंह पन्नू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल की राहत राशि देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। पन्नू ने कहा कि अब तक 15,000 से अधिक मुआवजे के आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा, "आवेदन पहले पंचायतों, राजस्व अधिकारियों और जिला प्रशासन द्वारा अनुमोदित किए जाने हैं और उसके बाद ही मुआवजा जारी किया जा सकता है," उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक सप्ताह के भीतर प्रक्रिया शुरू की है। एक अधिकारी ने कहा कि पराली जलाने वालों के खिलाफ पुलिस के मामले दर्ज करना मुश्किल साबित हो रहा है।
अधिकारी ने कहा, "किसानों को हिरासत में नहीं लिया जाता है और उन्हें एक निश्चित बॉन्ड के आधार पर जमानत दी जाती है।" एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि किसानों को गिरफ्तार करने से विरोध और कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। हालांकि, सरकार ने 11,727 किसानों से 3.01 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है और 71 हार्वेस्टर्स को जब्त किया है।