चंडीगढ़। रोहतक जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की पैरोल याचिका शुक्रवार को खारिज हो गई। सिंह अपनी दो शिष्याओं से दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद हैं। डेरा प्रमुख ने अपनी बीमार मां से मिलने के लिए यह आवेदन किया था।
सुनारिया जेल अधीक्षक सुनील सांगवान ने सिरसा उपायुक्त की एक रिपोर्ट के आधार पर आवेदन को अमान्य करार दिया। यह रिपोर्ट सुरक्षा स्थिति पर विचार करने और डेरा प्रमुख की मां की जांच करने वाले डॉक्टरों के बोर्ड के विचार को ध्यान में रखकर तैयार की गयी है।
सिरसा के सिविल सर्जन गोविंद गुप्ता ने डेरा प्रमुख की 83 वर्षीय मां नसीब कौर की जांच की थी। सिरसा जिला प्रशासन ने डेरा प्रमुख की मां की चिकित्सा रिपोर्ट बृहस्पतिवार को सुनील सांगवान को भेजी थी। इस मामले में जब सांगवान से संपर्क किया गया तो उन्होंने टिप्पणी करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह इसके लिए अधिकृत नहीं हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रोहतक संभाग के आयुक्त पंकज यादव ने कहा कि जेल अधीक्षक को पैरोल याचिका के लिए कोई वाजिब वजह नहीं मिली। डेरा प्रमुख की पत्नी हरजीत कौर ने पांच अगस्त को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
याचिका में कौर ने हवाला दिया था कि सिंह की मां बीमार हैं और हृदय से संबंधी बीमारी का उनका इलाज होना है और वह अपने बेटे को देखना चाहती हैँ। अदालत ने जेल अधिकारियों को पांच दिन के भीतर इस पर फैसला लेने को कहा था।
जून में सिंह ने सिरसा में खेती के लिए 42 दिन के पैरोल की मांग की थी लेकिन बाद में उन्होंने अपना आवेदन वापस ले लिया। सिंह को अगस्त 2017 में पंचकूला की अदालत ने दुष्कर्म के दो मामलों में सजा सुनाई थी। इस साल जनवरी में सीबीआई की पंचकूला की एक विशेष अदालत ने उन्हें और तीन अन्य को 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई है।