टोरंटो: कोविड-19 महामारी ने हाल के समय में मां बनी महिलाओं के अवसाद में जाने और उनमें चिंता तथा भय की भावना को बढ़ा दिया है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। अध्ययन के मुताबिक प्रत्येक सात में एक महिला प्रसव के ठीक पहले और इसके तुरंत बाद की अवधि में मानसिक रोग के लक्षणों का सामना कर रही हैं। फ्रंटियरर्स इन ग्लोबल वूमन हेल्थ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक हाल ही मां बनी महिलाओं में महामारी के दौरान अवसाद और चिंता एवं भय की भावना बढ़ी है।
कनाडा स्थित अल्बेर्टा विश्वविद्यालय से इस अध्ययन की सह-लेखिका मेर्जी डावेनपोर्ट ने कहा," वायरस के प्रसार को घटाने के लिये जरूरी सामाजिक दूरी एवं पृथक रहने का प्रभाव हममें से कई के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि हाल ही में मां बनी महिलाओं में ये तनाव दुष्प्रभावों के साथ आ रहे हैं। यह अध्ययन 900 महिलाओं पर किया गया, जिनमें से 520 गर्भवती थी और उनमें से 380 ने पिछले साल अपने बच्चे को जन्म दिया था।
उनसे महामारी के पहले उनमें अवसाद और चिंता एवं भय की भावना के बारे में पूछा गया था। वैज्ञानिकों के मुताबिक महामारी शुरू होने से पहले उनमें से 29 प्रतिशत महिलाओं ने हल्की से मध्यम स्तर की चिंता एवं भय की भावना महसूस की थी, जबकि 15 प्रतशित ने अवसाद के लक्षणों को महसूस किया। अध्ययन के मुताबिक महामारी के दौरान 72 प्रतिशत महिलाओं ने चिंता और भय की भावना महसूस की जबकि 41 प्रतिशत ने अवसाद का सामना किया। वैज्ञानिकों महिलाओं से यह भी पूछा कि क्या लॉकडाउन में उनके व्यायाम की आदतों में भी बदलाव आया । वैज्ञानिकों का मानना है कि सीमित मात्रा में शारीरिक गतिविधियां इन लक्षणों को बढ़ा सकती हैं।