नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 2014 में एनडीए की सरकार के गठन से पहले देश की अर्थव्यवस्था में जो यथास्थित थी उसमें बदलाव आया है कि जो कि देश के भविष्य के लिए जरूरी था। उन्होंने नोटबंदी को देशहित में उठाया गया कदम बताया। वहीं कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता परिवार की सेवा, हमारी प्राथमिकता देश की सेवा करना है।
वित्त मंत्री ने कहा कि देश की अर्थ व्यवक्था और भविष्य के लिए यथास्थित को बदलना अनिवार्य था और इसी कड़ी में नोटबंदी एक अहम कदम था। किसी भी अर्थव्यवस्था में कैश जीडीपी का 12.2 फीसदी हिस्सा कैश करेंसी हो, और इस 12.2 फीसद का 80 फीसदी से ज्यादा हिस्सा बड़ी करेंसी हो यह अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है। ज्यादा कैश ट्रैंजेक्शन से टैक्स इवेजन ज्यादा होता है, जो टैक्स देता है वह केवल अपने हिस्से का नहीं देता जो टैक्स चोरी करता है उसके हिस्से का भी देना पड़ता है। जो साधन संपन्न व्यक्ति साधन अपनी जेब में रख लेता है वो सही नहीं है। जो साधन गरीबों पर खर्च होना है वह अमीरों की जेब में चला जाता है। ज्यादा कैश भ्रष्टाचार का केंद्र और कारण बनता है। कैश कम होने से भ्रष्टाचार खत्म होगा ऐसा नहीं है, लेकिन भ्रष्टाचार करना कठिन जरूर हो जाता है। इसलिए जबसे एनडीए की सरकार बनी, सरकार ने एसआईटी का गठन किया, विदेशों से संधि में सुधार करने जैसे कई कदम सरकार ने उठाए। पारदर्शिता के लिए सरकार ने काफी काम किया। हमने बेनामी कानून लाया।
वित्त मंत्री ने कहा कि कैश का बैंकों में आ जाने से पिछले एक साल में संसाधनों की उपलब्धता बढ़ी है। नोटबंदी से सारी समस्या हल जो जाएगी ऐसा नहीं है लेकिन इसने एजेंडे को बदला और इसमें हम लेस कैश ट्रांजैक्शन की व्यवस्था में जाएं ऐसा हो रहा है।
जेटली ने कहा कि हमारे विरोधी खासतौर से कांग्रेस की ओर विरोध किया गया। यूपीए के 10 साल तक एक पॉलिसी पारालिसिस की ऐसी स्थिति रही जिसमें कुछ न करना और हुकूमत चलाने की प्रवृति रही। एनडीए की सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक स्ट्रक्चरल रिफॉर्म करके बदलाव लाने का प्रयास किया है। अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता परिवार की सेवा है जबकि हमारी प्राथमिकता देश की सेवा है।