हैदराबाद। तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार ने हैदराबाद में स्थित पुराने सचिवालय की इमारत तोड़ने का काम मंगलवार को शुरू कर दिया। यह सचिवालय कई ऐतिहासिक पलों और कई सरकारों के बनने और गिरने का गवाह रहा है। इस सचिवालय की जगह नए सचिवालय परिसर के निर्माण को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को तेलंगाना उच्च न्यायालय ने कुछ दिन पहले ही खारिज कर दिया, जिसके बाद इमारत को तोड़ने का काम शुरू हो गया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सचिवालय की इमारत ढहाने का कार्य मगंलवार तड़के शुरू हुआ और यह पूरे दिन चलेगा। मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को एकीकृत सचिवालय नई इमारत का डिजाइन जारी किया। केसीआर कार्यालय से जानकारी मिली है कि राव इस डिजाइन को मंजूरी दे सकते हैं। पिछले साल 27 जून को राव ने नए प्रशासनिक परिसर की आधारशिला रखी थी लेकिन इसके बाद इस निर्माण का विरोध करते हुए कई याचिकाएं उच्च न्यायालय में डाली गईं, जिनमें कहा गया था कि इससे बेवजह राज्य के कोष पर बोझ पड़ेगा।
राज्य सरकार ने पहले ऐसे संकेत दिये थे कि इमारत के निर्माण में 400 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा और यह एक अत्याधुनिक इमारत होगी। विपक्षी पार्टियों ने भी इस निर्माण का विरोध किया है। तेलंगाना में भाजपा के प्रमुख प्रवक्ता के के कृष्णा सागर राव ने एक बयान में मंगलवार को कहा कि वैश्विक महामारी के बीच केसीआर की झूठी प्रतिष्ठा के लिए इस इमारत को तोड़े जाने का पार्टी कड़ा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि देश भर में मुख्यमंत्री जब अपने-अपने राज्यों में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए ढांचा बनाने में व्यस्त हैं तब ऐसे में तेलंगाना के मुख्यमंत्री मौजूदा ढांचा गिराने में व्यस्त हैं। इस स्थान को कोविड-19 के हजारों मरीजों को रखे जाने में इस्तेमाल किया जा सकता था।