दार्जिलिंग: दार्जिलिंग में व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त के बावजूद कई इलाकों से हिंसा की खबरें मिली हैं। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के समर्थकों ने सोमवार को सरकारी कार्यालयों को जबरन बंद करवाने के साथ-साथ तोड़फोड़ और आगजनी की। उत्तर पश्चिम बंगाल में अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया गया है, जिसका आज पहला दिन था। जीजेएम ने बंद को सफल व स्वत:स्फूर्त करार दिया और गोरखालैंड मुद्दे पर केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग की। वहीं राज्य सरकार ने कहा कि हंगामा 'आत्मघाती' है। पुलिस ने हालांकि दावा किया कि हालात नियंत्रण में हैं। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...
जीजेएम द्वारा आहूत बंद का मूल उदेश्य केंद्र तथा राज्य सरकार के कार्यालयों को निशाना बनाना था। शैक्षणिक संस्थानों तथा परिवहन को बंद के दायरे से बाहर रखा गया है। बंद के दौरान सोमवार सुबह दार्जिलिंग के बिजनबारी में ब्लॉक डेवलेपमेंट कार्यालय (बीडीओ) में आग लगा दी गई। कथित तौर पर जीजेएम कार्यकर्ताओं के एक समूह ने यह आग लगाई। पुलिस के अनुसार, घटना को लेकर तीन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "स्थिति नियंत्रण में है। तीन लोगों को हिंसा भड़काने की कोशिश में गिरफ्तार किया गया है।" दार्जिलिंग व कालिम्पोंग में हड़ताल का आह्वान करने के वाले जीजेएम नेतृत्व ने पश्चिम बंगाल सरकार पर पहाड़ी क्षेत्र के लोगों के साथ 'मनमानी व अत्याचार करने' का आरोप लगाया है। जीजेएम क्षेत्र में नेपाली बोलने वाले लोगों पर 'बांग्ला भाषा थोपने के प्रयास' के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन कर रही है। हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहाड़ी क्षेत्र के लिए ऐसी किसी तरह की योजना से इनकार किया है।
जीजेएम के महासचिव रोशन गिरी ने शनिवार को कहा था, "सभी केंद्र व राज्य सरकार के कार्यालय, बैंक, गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन कार्यालय सोमवार से बंद के दायरे में रहेंगे। ब्लॉक डेवलेपमेंट कार्यालय, उप संभागीय कार्यालय और जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय भी बंद रहेंगे।" शैक्षिक संस्थान, परिवहन और पर्यटन-होटल, रेस्तरां और दुकानों को बंद से बाहर रखा गया है।
हालांकि, रविवार को जीजेएम प्रमुख बिमल गुरुं ग ने पर्यटकों को स्थिति बिगड़ सकने की बात कह पहाड़ी क्षेत्र को छोड़ने की 'सलाह' दी। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी महत्वपूर्ण जगहों, सड़कों व सार्वजनिक कार्यालयों में भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और कुर्सीओंग कस्बे में गुरुवार से सेना की छह टुकड़ियां तैनात हैं। राज्य पुलिस के साथ सीआरपीएफ व कॉम्बैट फोर्स कर्मी दार्जिलिंग के कई महत्वपूर्ण जगहों पर स्थिति संभाल रहे हैं। दार्जिलिंग की प्रसिद्ध ट्वाय ट्रेन को संभावित सुरक्षा खतरे को ध्यान में रखकर बंद किया गया है।
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