नयी दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में डाला जाए। पत्र में बघेल ने कहा, ‘‘भारतीय गणतंत्र के 26वें राज्य छत्तीसगढ़ के गठन का यह बीसवां वर्ष है, लेकिन सांस्कृतिक दृष्टि से इस राज्य की पृथक पहचान का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। छत्तीसगढ़ राज्य की भाषा छत्तीसगढ़ी का भी इतिहास है’’ उन्होंने कहा, ‘‘ छत्तीसगढ़ी की उपबोलियां तथा कुछ अन्य भाषाएं भी प्रचलन में हैं किन्तु राज्य की बहुतायत जनता की भाषा और अन्य क्षेत्रीय बोलियों के साथ संपर्क भाषा छत्तीसगढ़ी ही है। राज्य में राजकीय प्रयोजनों के लिए उपयोग की जाने वाली भाषा के रूप में हिन्दी के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ी को अंगीकार किया गया है। साथ ही राज्य में प्रतिवर्ष 28 नवम्बर को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस मनाया जाता है।’’’
आधिकारिक बयान के अनुसार, बघेल ने कहा कि जनभावना और आवश्यकता के अनुरूप राज्य के विचारों की परंपरा और राज्य की समग्र भाषायी विविधता के प्रचार-प्रसार और विकास के लिए छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का भी गठन किया गया है। उन्होंने कहा, ‘छत्तीसगढ़ी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के संबंध में केन्द्र सरकार द्वारा यह अवगत कराया जाता रहा है कि छत्तीसगढ़ी सहित देश की अन्य भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना विचाराधीन है।
इस परिप्रेक्ष्य में छत्तीसगढ़ राज्य की पौने तीन करोड़ जनता की भावना के अनुरूप आपसे अनुरोध है कि छत्तीसगढ़ी की भाषा समृद्धि और जनभावना को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ी को प्राथमिकता से आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना आवश्यक है।’’ बघेल ने आग्रह किया, ‘‘कृपया इस पर विचार कर राज्य की जनता की भावनाओं के अनुरूप त्वरित और सकारात्मक निर्णय लें।’’