वाशिंगटन/नयी दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों की दृढ़ता प्रदर्शित करने के लिए रविवार को ह्यूस्टन में प्रवासी भारतीयों के कार्यक्रम ‘हाउडी मोदी’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नजर आयेंगे। व्हाइट हाउस की इस घोषणा की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह फैसला लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक विशेष भाव दर्शाया है और यह दोनों देशों के बीच विशेष मित्रता को रेखांकित करता है।
ट्रंप प्रशासन के अंतर्गत भारत अमेरिका संबंधों में नयी घनिष्ठता पर बल देने वाला यह कार्यक्रम हालिया इतिहास में यह पहली बार होगा जब दो सबसे बड़े लोकंतत्रों के नेता दुनिया में कहीं एक संयुक्त रैली को संबोधित करेंगे। पूरे अमेरिका से पचास हजार से अधिक भारतीय अमेरिकियों ने टेक्सास के ह्यूस्टन के विशाल एनआरजी स्टेडियम में 22 सितंबर को होने वाले ‘‘हाउडी, मोदी। साझा सपने, उज्ज्वल भविष्य’’ के लिए पंजीकरण कराया है।
‘‘हाउडी’’‘हाउ डू यू डू’ का संक्षिप्त रूप है। इस शब्द का दक्षिण पश्चिम अमेरिका में आमतौर पर अभिवादन के लिए किया जाता है जिसका अर्थ होता है ‘आप कैसे हैं?’ व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव स्टेफनी ग्रिशम ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘‘यह (मोदी-ट्रम्प की साझा रैली होगी) अमेरिका और भारत के लोगों के बीच दृढ़ संबंधों को मजबूत करने, दुनिया के सबसे पुराने एवं सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच रणनीतिक साझेदारी की पुन: पुष्टि करने और उनकी ऊर्जा तथा व्यापारिक संबंधों को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करने का बेहतरीन मौका होगा।’’
इस घोषणा के कुछ घंटों बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिलसिलेवार किये ट्वीटों में कहा कि भारतीय मूल के समुदाय के साथ मिलकर कार्यक्रम में ट्रम्प का स्वागत करने का वह इंतजार कर रहे हैं। मोदी ने लिखा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रम्प की ओर से दिखाया गया विशेष भाव भारत और अमेरिका के बीच विशेष मित्रता को रेखांकित करता है। दिखाता है कि यह संबंध कितना मजबूत है और अर्थव्यवस्था तथा यह अमेरिकी समाज में भारतीय समुदाय के योगदान को बताता है।’’
यह पहला मौका होगा जब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति एक ही स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में मौजूद भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम 2020 में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले हो रहा है। उस चुनाव में प्रभावशाली भारतीय अमेरिकियों के महती भूमिका निभाने की संभावना है। राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर चुके हैं। अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि ट्रम्प का ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में हिस्सा लेना ‘‘ऐतिहासिक’’ और ‘‘अभूतपूर्व’’ है। श्रृंगला ने कहा, ‘‘यह भारत और अमेरिका के बीच विकसित दोस्ती तथा सहयोग के मजबूत रिश्तों को दर्शाता है।’’
उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के लोगों के आपसी संपर्क को भी दर्शाता है जो दोनों देशों के बीच ‘‘संगठित’’ संबंध प्रदान करता है। राजदूत ने कहा कि दोनों नेताओं का कार्यक्रम को संबोधित करना एक बड़ी मिसाल कायम करता है, जो अपरंपरागत एवं अनोखी है। श्रृंगला ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का 50,000 से अधिक अमेरिकी-भारतीयों (अधिकतर अमेरिकी नागरिकों) को संबोधित करना ऐतिहासिक होगा।’’
व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रम्प के साथ हुई मुलाकात में इसका अनुरोध किया था। भारत जी-7 का हिस्सा नहीं है लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने उसे विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था। अधिकारियों के मुताबिक मोदी के साथ ‘अच्छे तालमेल और मित्रता’ रखने वाले ट्रंप ने ह्यूस्टन में उनके कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण तत्काल स्वीकार कर लिया और अपने अधिकारियों एवं खुफिया सेवा को इसकी व्यवस्था करने का निर्देश दिया। मोदी और ट्रम्प के बीच इस साल यह तीसरी मुलाकात होगी।
जी-7 से पहले दोनों नेताओं ने जून में जापान में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की थी। अक्टूबर, 2016 में राष्ट्रपति पद के तत्कालीन रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने न्यूजर्सी में करीब 5000 भारतीय अमेरिकियों को संबोधित किया था। कुछ हफ्ते बाद नवंबर, 2016 में उन्होंने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। अबतक ट्रंप एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति उम्मीदवार रहे जिन्होंने चुनावी साल में पूरी तरह से भारतीय अमेरिकियों को संबोधित।
उन्होंने कहा कि यदि वह निर्वाचित हुए तो व्हाइट हाउस में भारत के सबसे अच्छे दोस्त होंगे। ह्यूस्टन कार्यक्रम मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद भारतीय अमेरिकियों को संबोधित करने का तीसरा और मई में दूसरी बार प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के बाद पहला बड़ा कार्यक्रम होगा। वर्ष 2014 मे मैडिसन स्क्वायर में पहला, सिलिकन वैली में 2016 में दूसरा कार्यक्रम था। दोनों ही कार्यक्रमों में 20000 से अधिक लोग पहुंचे थे।