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कहीं दिल्ली हिंसा के पीछे विदेशी हाथ तो नहीं? जांच में जुटी एजेंसियां

हिंसा में अवैध हथियारों से 1000 राउंड से ज्यादा फायरिंग की गई, जिस वजह से बुलेट इंजरी के 87 केस सामने आए, इनमें से 13 की मौत हो गई। हिंसा में 20  पुलिस कर्मी गोली लगने से घायल हो गए। 

Reported by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 02, 2020 16:41 IST
Security personnel patrol a violence-affected area- India TV Hindi
Image Source : PTI Security personnel patrol a violence-affected area

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी दिल्ली इलाके में हुई साम्प्रदायिक हिंसा में अबतक 47 लोगों की मौत हो चुकी है। किसी को अंदाजा नहीं था कि देश की राजधानी में इस कदर हिंसा फैल जाएगी। दिल्ली हिंसा के पीछे कहीं विदेशी हाथ तो नहीं, इसकी सत्यता पता लगाने के लिए एजेंसियां गहनता से जांच कर रही हैं। हिंसा में जिस पैमाने पर गन का इस्तेमाल हुआ, उससे साफ है कि हिंसा के पीछे विस्तार से प्लानिंग और वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई गई थी।

हिंसा में अवैध हथियारों से 1000 राउंड से ज्यादा फायरिंग की गई, जिस वजह से बुलेट इंजरी के 87 केस सामने आए, इनमें से 13 की मौत हो गई। हिंसा में 20  पुलिस कर्मी गोली लगने से घायल हो गए। ये आंकड़े इस बात की तरफ साफ इशारा कर रहे हैं कि हिंसा फैलाने के लिए प्लानिंग कितनी गंभीर थी। एजेंसियों ने 40 से 50 व्हाट्सएप ग्रुप चिह्नित किए हैं। ये ग्रुप हिंसा का माहौल बनाने और हिंसा को बढ़ाने के लिए काम कर रहे थे। इन ग्रप्स के कुछ नंबरों का लोकेशन 24 और 25 फरवरी की रात दिल्ली से बाहर ट्रेस किया गया।

22 फरवरी की रात पहले आपराधिक गैंग द्वारा हिंसा फैलायी गयी। साजिशकर्ताओं की प्लानिंग के हिसाब से अपराधियों द्वारा शुरू हिंसा आम लोगों तक फैली और वो भी हिंसा करने लगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में फैली हिंसा के मामलों की जांच NIA को सौंपी जा सकती है। NIA फॉरेन फंडिंग और प्लानिंग की भी जांच कर सकती है। 

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