नई दिल्ली। दिल्ली में हिंसा की खबरें तो 2 दिन से नहीं आ रही हैं लेकिन 24 और 25 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा जानकारी के मुताबिक शुक्रवार दोपहर 2 बजे तक कुल 42 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। अकेले गुरु तेगबहादुर अस्पताल में 38 लोगों की मौत का आंकड़ा है। इसके अलावा एलएनजेपी अस्पताल में 3 लोगों की मौत हुई है और एक मौत जेपी अस्पताल में दर्ज की गई है। दिल्ली के दंगों में 200 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर भी है।
दिल्ली हिंसा में जान गंवाने वाले 42 लोगों में एक दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल और एक इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी भी शामिल हैं। इस बीच दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने शुक्रवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने का फैसला किया है। गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनसे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल ने भी दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पांच सदस्यीय दल को उत्तरपूर्वी दिल्ली में दंगाग्रस्त इलाकों का दौरा करने और विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
दंगा प्रभावित उत्तरपूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्सों में जनजीवन पटरी पर लौट रहा है जहां पुलिस और अर्द्धसैनिक बल मस्जिदों में जुमे की नमाज के मद्देनजर सख्त चौकसी बरत रहे हैं। पुलिस के अधिकारियों ने कहा है कि वे अफवाहों को रोकने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रहे हैं और लोगों के बीच भरोसा पैदा करने के लिए प्रभावित इलाकों के आस-पड़ोस में नियमित रूप से फ्लैग मार्च और बातचीत कर रहे हैं। उत्तरपूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में दुकानें खुलने के साथ हालात सामान्य होते दिखे। हिंसा प्रभावित इलाकों में भी दुकानें और गलियां खुलती दिखीं। प्रभावित इलाकों में सोमवार से अर्द्धसैनिक बलों के करीब 7,000 जवान तैनात हैं। इसके अलावा , दिल्ली के सैकड़ों पुलिसकर्मी शांति बरकरार रखने और किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए ड्यूटी पर मौजूद हैं।