नई दिल्ली: नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में जो हिंसा हुई उसके पीछे बड़ी साज़िश थी। ये अचानक भड़का दंगा नहीं था बल्कि इसे योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया। दंगे के पीछे साजिश कितनी गहरी थी इसका अंदाजा तब लगा जब आज सुबह चांदबाग इलाके से आईबी के एक अफसर अंकित शर्मा का शव बरामद हुआ। उनकी हत्या मंगलवार शाम की गई लेकिन डेडबॉडी आज सुबह चांद बाग इलाके के एक नाले से मिली। अंकित शर्मा को किडनैप कर दंगाई अपने साथ ले गए और हत्या के बाद शव को नाले में फेंक दिया था।
अंकित के पिता ने स्थानीय आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन पर आरोप लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि ताहिर हुसैन के घर से लगातार फायरिंग की जा रही थी। ताहिर के घर का इस्तेमाल दंगाई फायरिंग और पथराव के लिए कर रहे थे। अंकित शर्मा तीन साल पहले यानी 2017 में आईबी में भर्ती हुए थे और उनके पिता आईबी में ही हेड कांस्टेबल हैं।
हालांकि अंकित का परिवार मूल रूप से यूपी के मुज़फ्फरनगर का रहने वाला था और कल मुज़फ्फरनगर के शामली इलाके में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। दिल्ली हिंसा केस पर सुनवाई के दौरान आज हाईकोर्ट ने भी अंकित शर्मा की हत्या पर चिंता जाहिर की..हाईकोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार के सीनियर अधिकारियों को पीड़ित परिवार से मिलने की सलाह भी दी।