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दिल्ली की अवैध कॉलोनियां होंगी नियमित, मिलेगा मालिकाना हक, केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों को लेकर बड़ा फैसला किया है। केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली की इन अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने को मंजूरी दे दी है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 23, 2019 23:59 IST
Delhi Unauthorize colony, Central Cabinet, reularise - India TV Hindi
Image Source : AGENCY Delhi Unauthorize colony Central Cabinet decision to reularise 

नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों को लेकर बड़ा फैसला किया है। केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली की इन अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने को मंजूरी दे दी है। पिछले 11 साल से इन कॉलोनियों को नियमित करने की बात चल रही थी लेकिन इस पर ठोस फैसला नहीं हो पा रहा था। आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इन कॉलोनियों को नियमित करने की मंजूरी दे दी है। अब इन कॉलोनियों में रजिस्ट्री हो सकेगी और संपत्ति के मालिकों को उनका मालिकाना हक भी मिलेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस फैसले से 40 लाख लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है । कैबिनेट की बैठक के बाद जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अहम फैसले में दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को स्वामित्व का अधिकार देने का निर्णय किया है।’’

उन्होंने कहा कि इससे 40 लाख लोगों को फायदा होगा। इस संबंध में संसद के अगले सत्र में एक विधेयक पेश किया जाएगा। शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह एक दूरदर्शी और अभूतपूर्व निर्णय है जिसमें स्वामित्व का अधिकार दिया जा रहा है, चाहे जमीन निजी हो या सरकारी।

बैठक के बाद आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभाव) हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि केन्द्र सरकार के इस फैसले का लाभ दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रह रहे लगभग 40 लाख लोगों को मिलेगा, जिन्हें पिछले कई दशकों से संपत्ति का मालिकाना हक मिलने का इंतजार था। पुरी ने स्पष्ट किया कि इस फैसले के दायरे में सरकारी और निजी, दोनों श्रेणियों की जमीन पर बसी अनधिकृत कालोनियों को शामिल किया गया है लेकिन दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर बने फार्म हाऊस, सैनिक फार्म, महरौली एंक्लेव और अनंत राम डेयरी इलाके में बने फार्म हाऊस इस फैसले के दायरे से बाहर होंगे। 

उल्लेखनीय है कि इन इलाकों में निर्मित फार्म हाऊस के मालिकों को भी अपनी संपत्ति को नियमित कराने की अनुमति मिलने की दरकार है। फार्म हाऊस वाले ये इलाके अनधिकृत होने के कारण इनमें निर्मित फार्म हाऊस भी कानूनी तौर पर नियमित नहीं हो पाये हैं। पुरी ने स्पष्ट किया कि नियमित होने वाली कालोनी में निर्मित संपत्ति के अलावा खाली प्लॉट को भी नियमित कराकर संपत्ति का मालिकाना हक दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इन कालोनियों में आम तौर पर निम्न आयवर्ग के लोग रहते हैं, इसलिये संपत्ति को नियमित करने के लिये मामूली शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके तहत सौ वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले भूखंड को नियमित कराने का शुल्क उस क्षेत्र के सर्किल रेट का 0.5 प्रतिशत होगा। इसी प्रकार 100 से 250 वर्गमीटर तक क्षेत्रफल वाले भूखंड के लिये सर्किल रेट का एक प्रतिशत और 250 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले भूखंड को नियमित कराने का शुल्क सर्किल रेट का 2.5 प्रतिशत देना होगा। 

इस शुल्क का भुगतान तीन समान किश्तों में एक साल के भीतर किया जा सकेगा। शुल्क का एकमुश्त भुगतान करने वालों को संपत्ति का मालिकाना हक तत्काल प्रभाव से मिल जायेगा। किश्तों में शुल्क देने वालों को अस्थायी मालिकाना हक दिया जायेगा, भुगतान पूरा होने पर स्वामित्व का स्थायी अधिकार मिलेगा। नियमित की जाने वाली कालोनियों में दिल्ली के लगभग 175 वर्ग किमी क्षेत्र में बसी 1797 कालोनियों को चिन्हित किया गया है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार की तरफ से 1639 अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने के कई साल पुराने प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार ने नये सिरे से क्षेत्रवार सर्वेक्षण कर 1797 कालोनियों को नियमित करने का फैसला किया है। ( इनपुट-भाषा)

 

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