राजधानी दिल्ली कोरोना संकट लगातार गहराता जा रहा है। हर दिन हजारों की संख्या में नए मरीज सामने आ रहे हैं। इसी बीच दिल्ली की सेंट्रल जेल तिहाड़ जेल, मंडोली जेल और रोहिणी जेल पर भी कोरोना का संकट गहराता जा रहा है। अभी तक दिल्ली की तीनों जिलों में 45 कैदी को रोना से संक्रमित हो चुके हैं इनमें से 17 कैदी ठीक हो चुके हैं और एक उम्र कैद की सजा पाए कैदी की मंडोली जेल में मौत हो चुकी है वही दिल्ली की जेल के में काम करने वाले 75 स्टाफ मेंबर्स को भी कोरोना हुआ इनमें से अभी तक सिर्फ स्टाफ के 15 लोग हैं कोरोना से रिकवर हो पाए हैं।
कोरोना संकट को देखते हुए दिल्ली की तीनों जेलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। महामारी से कैदियों और जेल स्टाफ को बचाने के लिए दिल्ली जेल प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। जेल प्रशासन ने दिल्ली की जेलों में कोरोना के सस्पेक्टेड मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया है। दिल्ली की जिलों में जो नए कैदी लाए जा रहे हैं उनका मेडिकल चेकअप होता है और उन्हें दूसरे कैदियों से अलग रखा जाता है।
4129 कैदियों को छोड़ा
कोरोना संक्रमण को देखते हुए 20 जून तक 2651 विचाराधीन कैदियों को दिल्ली की जेलों से छोड़ा गया है।वही कोरोना संक्रमण को देखते हुए दिल्ली की जेलों में बंद 1108 कैदी कैदियों को इमरजेंसी पैरोल पर छोड़ा गया है यह सभी कैदी कोर्ट में दोषी साबित हुए थे। दिल्ली की जेलों में बंद 60 ऐसे कैदियों को कोरोना संक्रमण के कारण छोड़ा गया है जिनकी सजा कम कर दी गई थी। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के जेल प्रशासन ने 20 जून तक 4129 कैदियों को छोड़ा है
अदालते में पेश करने पर रोक
कोरोना संकट को देखते हुए कैदियों को अभी कोर्ट में पेश नहीं किया जा रहा है और ना ही कैदियों के परिवार के सदस्यों को के कैदियों से मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही है। जेल में काम करने वाले स्टाफ कैदियों सिक्योरिटी स्टाफ मेडिकल मेंटेनेंस स्टाफ और बाकी दूसरे लोगों की जेल में एंट्री से पहले स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके अलावा जेलों बंद कैदियों के लिए काम करने वाली गैर सरकारी संस्थाएं यानी एनजीओ की एंट्री जेल में फिलहाल बंद कर दी गई है। किसी भी कैदी को बाहर जाने की इजाजत नहीं है। सिर्फ इमरजेंसी के दौरान ही अस्पताल ले जाया जा रहा है।
रोज सैनेटाइज किए जा रहे हैं जेल वॉर्ड
कैदियों के वार्ड में और स्टाफ के रेजिडेंशियल कंपलेक्स में रोजाना सैनिटाइजेशन और डिसइन्फेक्शन का काम किया जा रहा है। कोई भी कह दी कोई भी नया कैदी जब दिल्ली की जेल में लाया जाता है तो उसकी पूरी तरीके से स्क्रीनिंग की जाती है।सीपीआरओ ऑफिस में और उसके बाद ही उसे जेल में बंद किया जाता है।
कैदी खुद बना रहे हैं हैंडवॉश और मास्क
कोरोना के दौरान किन-किन चीजों से बचना है और क्या क्या प्रिकॉशन लेने हैं इस बात की जानकारी जेल परिसर में जगह-जगह डिस्प्ले की गई है। दिल्ली की जेलों में मास्क और हैंडवाश बनाए जा रहे हैं साथ ही सैनिटाइजर भी बनाए जा रहे हैं। दिल्ली की जेलों में जो स्टाफ फ्रंटलाइन की ड्यूटी कर रहे हैं उन्हें पीपीई कित हैंड सैनिटाइजर मास्क और ग्लव्स दिए गए हैं ताकि बोलो कोरोना के संक्रमण से बच सकें।
मरीजों की पहचाने के लिए एसटीएफ का गठन
दिल्ली की जेलों में कोरोना संक्रमण के मरीजों की पहचान के लिए एसटीएफ भी बनाई गई है। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए दिल्ली की जेलों में नोडल ऑफिसर की तैनाती भी की गई है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए कैदियों की साइकोलॉजिकल स्क्रीनिंग भी की जा रही है। दिल्ली की जिलों में तैनात जेल स्टाफ पैरामिलिट्री स्टाफ और मेडिकल स्टाफ जब भी दिल्ली के बाहर से छुट्टियों से वापस लौटते हैं तो उनको क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था की गई है।