नई दिल्ली: दिल्ली के लाल कुआं इलाके में बने दुर्गा मंदिर में आज दो दिन के बाद फिर पूजा अर्चना शुरू हो गई। स्थानीय लोग भी इस आरती में हिस्सा लेने पहुंचे। आज सिर्फ उन मूर्तियों की पूजा की गई जो खंडित नही की गई थीं। खंडित मूर्तियों को विधि-विधान के साथ स्थापित करने के बाद फिर उनकी भी पूजा होगी। लोगों में भरोसा पैदा करने के लिए प्रशासन ने मंदिर में पूजा शुरू कराई है।
लाल कुआं इलाके में रविवार रात दंगा फैलाने की साजिश के बाद हालात सामान्य हो गए हैं। पुलिस की कोशिश के बाद मुस्लिम और हिंदू पक्षों में आपसी भाईचारा बनाए रखने पर सहमति बन गई है। दोनों समुदाय के लोगों एक दूसरे के गले मिले और गिले शिकवे दूर हो गए। इलाके में दुकानें भी आज पहले की तरह खुल जाएंगी।
इलाके में शांति बहाल करने के लिए दिल्ली पुलिस के तामाम आला अधिकारी पूरे दिन अमन कमिटी के साथ मीटिंग की। दोनों पक्षों ने शांति बहाल करने के लिए साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कमिटी में तारा चंद सक्सेना और जमशेद अली सिद्दीकी मौजूद थे।
जमशेद सिद्दिकी ने कहा, "आरोपियों के खिलाफ पुलिस सख्त करवाई करे और मंदिर में जो तोड़फोड़ हुई है, उसके निर्माण में मुस्लिम समाज हर संभव मदद करेगा। कल से मंदिर में पूजा शुरू की जाएगी। दोनों समाज शांति बहाल करने के प्रयास कर रहे हैं। बाजार भी बुधवार से खोला जाएगा।"
स्थानीय निवासियों का कहना है कि रविवार की रात पार्किंग को लेकर दो समुदायों के बीच हुई झड़प के बाद मंगलवार की सुबह तक भी क्षेत्र में तनाव बना रहा। पुलिस का कहना है कि वह स्थिति पर काबू रखने के लिए ड्रोन कैमरा के जरिए नजर बनाए हुए है। कुछ स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस व अर्धसैनिक बलों की तैनाती के बावजूद दोनों ही समुदाय के लोगों की तरफ से पथराव किया गया।
पुलिस की कोशिश से सुलह हो गई है लेकिन इलाके में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती बरकरार है क्योंकि मंदिर में तोड़फोड़ की खबर के बाद दूसरी जगह से लोग भी आने शुरू हो गए हैं। मंगलवार पूरे दिन लोगों ने मंदिर के बाहर बैठकर भजन कीर्तन और हनुमान चालीसा का पाठ किया।
लाल कुआं इलाके में हिंदू और मुसलमान कई साल से साथ मिलकर रहते आ रहे हैं। एक दूसरे के सुख-दुख और त्योहारों में शरीक होते हैं। मंदिर में तोड़फोड़ के बाद यहां के सामाजिक ताने-बाने को खराब करने की कोशिश हुई लेकिन दोनों पक्षों की सूझबूझ से ये साजिश अब नाकाम हो गई है।