नई दिल्ली: दिल्ली के कुछ हिस्से में छिटपुट बौछार से हवा के भारी होने और प्रदूषण स्तर बढ़ने के कारण वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में बनी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 411 दर्ज किया गया। यह “गंभीर” श्रेणी में आता है। मंगलवार को दिल्ली की हवा में अतिसूक्ष्म कणों - पीएम 2.5 का स्तर 278 और पीएम 10 का स्तर 477 दर्ज किया गया।
दिल्ली के 21 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ और 12 इलाकों में ‘बहुत खराब’ दर्ज की गई। गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ जबकि गुरूग्राम में वायु की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।
वायु गुणवत्ता सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को ‘‘अच्छा’’, 51 से 100 तक ‘‘संतोषजनक’’, 101 से 200 तक ‘‘सामान्य’’, 201 से 300 के स्तर को ‘‘खराब’’, 301 से 400 के स्तर को ‘‘बहुत खराब’’ और 401 से 500 के स्तर को ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में रखा जाता है।
केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने कहा है कि मंगलवार को शहर के विभिन्न हिस्से में हल्की बौछारों से वायु गुणवत्ता और खराब हो गई। हालांकि, सफर की एक रिपोर्ट में कहा गया, “दिल्ली के विभिन्न हिस्से में छिटपुट बारिश से हवा में बहुत ज्यादा नमी पैदा हो गयी। इससे हवा के भारी होने के कारण प्रदूषण स्तर और बढ़ गया।”
सफर ने कहा है कि पराली जलाने की घटना में कमी आई है और इन इलाकों से हवा आगे नहीं बढ़ रही इसलिए दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर इसका मामूली असर होगा।