नयी दिल्ली: दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2018-19 में 3,65,529 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। यह राष्ट्रीय औसत आय के मुकाबले तीन गुणा अधिक है। दिल्ली विधानसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 7.79 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो कि वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले 12.98 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा सत्र शुरू होने पर राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। वित्त वर्ष 2018-19 में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय के 3,65,529 रुपये रहने का अनुमान जताया गया है, वहीं राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 1,25,397 रुपये वार्षिक का है।
रपट में कहा गया है, "इस प्रकार दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के मुकाबले लगभग तीन गुणा तक अधिक है।" अग्रिम अनुमानों के मुताबिक वर्ष 2018- 19 के दौरान वर्तमान मूल्य पर दिल्ली की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि 12.98 प्रतिशत रहकर 7,79,652 करोड़ रुपये रही। वहीं स्थिर मूल्य पर इसमें 8.61 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान शिक्षा क्षेत्र सरकार की पहली प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है। शिक्षा क्षेत्र में बजट से सर्वाधिक 27.36 प्रतिशत आवंटन किया गया।
इसके बाद सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण क्षेत्र को 16.63 प्रतिशत, चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर 14.81 प्रतिशत, आवास एवं शहरी विकास को 14.12 प्रतिशत, परिवहन को 11.57 प्रतिशत और जलापूर्ति एवं स्वच्छता क्षेत्र को 10.68 प्रतिशत बजट आवंटन किया गया। सर्वेक्षण के मुताबिक दिल्ली का वन एवं वृक्ष अच्छादित क्षेत्र 2017 में बढ़कर 305.41 वर्ग किलोमीटर हो गया, जो 2015 में 299.77 वर्ग किलोमीटर था। दिल्ली सरकार का कर संग्रहण 2017-18 (अस्थायी) में 14.70 प्रतिशत बढ़ा है। इससे पहले 2016- 17 में इसमें 3.03 प्रतिशत वृद्धि रही थी। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक इस दौरान दिल्ली में विद्युत आपूर्ति 2014- 15 के 3,748 करोड़ यूनिट से बढ़कर 2017- 18 में 3,851 करोड़ यूनिट हो गई। सर्वेक्षण के मुताबिक दिल्ली में 2017- 18 में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 57.55 लाख हो गई। पिछले एक दशक में दिल्ली में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या में 71.92 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।