नई दिल्ली: दिल्ली में वायु की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बरकरार रही। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी के 13 स्थानों में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के डेटा के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 387 रहा जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है।
इस पैमाना के तहत 100 से 200 तक को ‘मध्यम’, 201 से 300 तक को ‘खराब’, 301 से 400 तक को ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 तक को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है। केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के मुताबिक, दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बेहद खराब’ के ऊपरी स्तर को छू गया लेकिन वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ के क्षेत्र में बरकरार रही।
सफर के अनुसार वायु की गति 2.5 किलोमीटर प्रति घंटे से 3.6 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ गई जिससे बहुत धीरे धीरे प्रदूषण को छितराया है। वायु की गति को छोड़ कर बाकी सभी कारक प्रतिकूल हैं। उम्मीद है कि सप्ताहांत तक एक्यूआई में सुधार होगा लेकिन ‘बहुत खराब’ स्तर में बना रहेगा। सफर के मुताबिक मध्यम दर्जे की धुंध बने रहने की प्रबल संभावना है और इसके कारण हवा में गैसीय और सुक्ष्म कणीय प्रदूषक बने रहेंगे।
सीपीसीबी ने बताया कि हवा में अतिसूक्ष्म कणों पीएम 2.5 का स्तर 244 दर्ज किया गया जबकि पीएम10 का स्तर 402 रहा। दिल्ली में अशोक विहार, डीटीयू, जहांगीरपुरी, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, मुंडका, नेहरू नगर, नार्थ कैंपस, पूसा, आर के पुरम, रोहिणी, सोनिया विहार, श्री अरविंदो मार्ग और वजीरपुर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गई।
सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में गाजियाबाद में हवा की गुणवत्ता सबसे खराब रही जहां 411 के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया। इसमें बताया गया कि फरीदाबाद और नोएडा में वायु की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ रही जबकि गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ रही।