नयी दिल्ली: दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ स्तर से सुधरने के एक दिन बाद मंगलवार को ‘खराब’ श्रेणी में ही बना रहा, वहीं दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने सभी अधिकारियों और एजेंसियों को वायु प्रदूषण से निपटने के लिए युद्धस्तर पर तैयार रहने को कहा। भलस्वा कचरा ढलान स्थल के कुछ हिस्सों में आग लगे होने के बीच उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने कुछ उपायों की घोषणा की है जिसमें 60 मीटर से ऊंचे कचरे के ढेर का निस्तारण किया जाएगा।
उधर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को व्यवस्था दी कि देशवासी दिवाली तथा अन्य त्योहारों पर केवल रात आठ बजे से 10 बजे तक आतिशबाजी कर सकते हैं। पर्यावरण और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आदेश का स्वागत किया। इस बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने शाम को समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 254 मापा। इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे शहर का समग्र एक्यूआई 252 दर्ज किया गया था।
एक्यूआई का स्तर 0 से 50 के बीच ‘अच्छा’ माना जाता है। 51 से 100 के बीच यह ‘संतोषजनक’ स्तर पर होता है और 101 से 200 के बीच इसे ‘मध्यम’ श्रेणी में रखा जाता है। हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘अत्यंत गंभीर’ स्तर पर माना जाता है।
राष्ट्रीय राजधानी की आबोहवा में सोमवार को सुधार के संकेत दिखाई दिये थे और यह ‘बहुत खराब’ से ‘खराब’ की श्रेणी में आ गयी थी। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में भलस्वा कूड़ा डलान स्थल में आग की वजह से निकलने वाले धुएं से यह स्तर और बिगड़ सकता है। इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने वायु प्रदूषण से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए बहुपक्षीय समीक्षा बैठक बुलाई। पर्यावरण विभाग ने एक बयान में कहा, ‘‘पर्यावरण मंत्री ने सभी अधिकारियों और एजेंसियों को वायु प्रदूषण से निपटने के लिए युद्धस्तर पर तैयार रहने का निर्देश दिया है।’’