नई दिल्ली: दिल्ली की हवा स्थानीय प्रदूषक तत्वों के कारण रविवार को ‘खराब’ और ‘बेहद खराब’ श्रेणी के बीच में रही। साथ ही अधिकारियों ने प्रदूषण के स्तर के और बढ़ने का पूर्वानुमान लगाया है। केन्द्र द्वारा संचालित ‘वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली’ (सफर) के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 322 दर्ज किया गया,जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एक्यूआई 297 दर्ज किया जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।
शून्य से 50 अंक तक वायु गुणवत्ता सूचकांक को ‘‘अच्छा’’, 51 से 100 तक ‘‘संतोषजनक’’, 101 से 200 तक ‘‘मध्यम’’, 201 से 300 के स्तर को ‘‘खराब’’, 301 से 400 के स्तर को ‘‘बेहद खराब’’ और 401 से 500 के स्तर को ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में रखा जाता है।
‘सफर’ ने पिछले सप्ताह पूर्वानुमान लगाया था कि राष्ट्रीय राजधानी में तापमान में गिरावट के चलते प्रदूषक वायुमंडल में फंसे रहेंगे जिससे रविवार को वायु गुणवत्ता के ‘‘काफी खराब‘‘ होने की आशंका है। बहरहाल, वायु गुणवत्ता के काफी खराब होने के बावजूद वह ‘बेहद खराब’ श्रेणी में ही बनी रहेगी। ‘सफर’ के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है और दिल्ली के बाहर से भी प्रदूषक तत्व आ रहे हैं। उसने कहा, ‘‘ऐसा कहा गया है कि यह दिल्ली के प्रदूषण स्तर पर स्थानीय उत्सर्जन के प्रभाव का पता लगाने का एक आदर्श समय है।‘‘
स्थानीय उत्सर्जन वाहनों, निर्माण कार्यों और कूड़ा जलाने से होता है। अधिकारियों ने पहले कहा था कि दिल्ली के प्रदूषण में वाहन उत्सर्जन का 40 प्रतिशत योगदान है। ‘केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’ (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी के 16 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ रही जबकि 12 इलाकों में यह ‘खराब’ श्रेणी में थी। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता ‘‘बेहद खराब’’ दर्ज की गई। फरीदाबाद और गुड़गांव में वायु गुणवत्ता क्रमश: ‘‘खराब’’ और ‘‘मध्यम’’ श्रेणी में दर्ज की गई।
दिल्ली में पिछले एक सप्ताह से वायु गुणवत्ता ‘‘बेहद खराब’’ बनी हुई है लेकिन शनिवार को इसमें थोड़े समय के लिए हल्का-सा सुधार हुआ था। इसके बाद शनिवार को फिर वायु गुणवत्ता ‘‘बेहद खराब’’ श्रेणी में पहुंच गई। सफर के अनुसार, अगले दो दिनों में वायु गुणवत्ता और खराब होगी तथा यह ‘‘बेहद खराब’’ स्तर पर रहेगी।