नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। आज फिर एक बार दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के करीब पहुंच गया है। प्रदूषण बढ़ने के कारण आबो हवा एक बार फिर से दूषित हो गई है जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक पराली जलाने और हवा की गति कम होने के कारण दिल्ली और उसके आसपास के इलाके में प्रदूषण बढ़ा है।
प्रदूषण बढ़ने के कारण आसमान साफ नहीं है। पूरे इलाके में धुंध जैसे हालात बने हुए हैं। दिल्ली के लोधी रोड पर प्रदूषण की बात करे तो पीएम 2.5 का स्तर 456 है जो कि बेहद हानिकारक श्रेणी में है, जबकि पीएम 10 का स्तर 287 है जो बहुत ही खराब है।
वहीं श्रीनगर से लेकर मनाली तक भारी बर्फबारी हो रही है। भारी बर्फबारी की वजह से रास्ते ब्लॉक हैं, जिंदगी की रफ्तार थम गई है। वहीं देश के पश्चिम तट पर बुलबुल तूफान ने भयंकर तबाही मचाई है। करीब एक दर्जन लोगों को ये तूफान लील गया है।
उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में कुदरत ने इस बार लोगों को संभलने तक का मौका भी नहीं दिया और नवंबर के महीने में भी जमकर बर्फबारी हो गई। आमतौर पर नवंबर के आखिरी दिनों से बर्फबारी शुरु होती थी लेकिन इस बार पहले हफ्ते से ही जारी है।
मनाली में 7 नवंबर से ही इस कदर बर्फबारी जारी है कि सड़कें बंद पड़ी हैं। भारी बर्फबारी में रोहतांग दर्रा पूरी तरह बर्फ से ढक गया है। रास्ते को फिर से चालू करने के लिए बीआरओ के जवान दिन-रात माइनस तापमान के बावजूद जुटे हुए हैं। बीआरओ ने रोहतांग दर्रे से बर्फ लगभग हटा दी है और मढ़ी से रोहतांग के बीच ही बर्फ को हटाया जाना बाकी है।
लाहौल के लोग मनाली और लाहौल में फंस गए हैं। बर्फबारी के चलते सेब के ट्रक भी लाहौल घाटी में फंसे हैं। कश्मीर घाटी की बात की जाए तो मौसम विभाग ने यहां अलर्ट जारी किया है। जम्मू कश्मीर और करगिल के कई इलाकों में ताजा बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है। 14 से 16 नवंबर तक भारी बर्फबारी का अलर्ट है।
वहीं देश के पश्चिमी तट पर बुलबुल तूफान ने जमकर तबाही मचाई है। 120 किमी/घंटे की रफ्तार से चली हवाओं के रास्ते में जो आया उसे अपने साथ लेता चला गया। बुलबुल तूफान ने भारत में ही नहीं बल्कि बांग्लादेश में भी तबाही मचाई है। इस तूफान की चपेट में आकर कुल 24 लोगों की मौत हो गई जिनमें से 12 लोग पश्चिम बंगाल और ओडिशा के हैं।