नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में मंगलवार को भी हवा जहरीली रही। यहां की हवा में हल्का सा सुधार देखने को मिला और यह 'आपातकाल' से 'गंभीर' श्रेणी में आई। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह नौ बजे 403 रहा। यह सोमवार को इसी समय 415 था, जो शाम तक 435 हो गया था। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, सुबह के समय हल्की धुंध रही, जिसमें प्रदूषक भी थे।
गौरतलब है कि सूचकांक 0 से 50 तक होने पर हवा को ‘अच्छा’, 51 से 100 होने पर ’संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 से ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है। सोमवार को पीएम2.5 (हवा में 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम मोटाई वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 268 दर्ज किया गया जबकि पीएम10 (हवा में 10 माइक्रोमीटर से भी कम मोटाई वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 391 दर्ज किया गया।
मंगलवार को नमी में थोड़ी सी गिरावट आई। प्रदूषण पर नजर रखने वाली एजेंसियों ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली न जलने से प्रदूषकों में हल्की गिरावट आई है। वायु गुणवत्ता और मौसम पूवार्नुमान और शोध (सफर) के मुताबिक, यह स्थिति दिवाली तक रहेगी। उनका कहना है कि पटाखों के प्रदूषण में अगर कमी नहीं होती है, तो हालात और खराब होने की संभावना है।
दिल्ली में अधिकारियों ने प्रदूषण से निपटने के लिए कई प्रयास किये हैं जिसमें निर्माण कार्य को रोकने सहित यातायात संबंधी गतिविधियों पर नियंत्रण लगाना शामिल है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने ट्रैफिक डिपार्टमेंट और ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया है कि वह 1-10 नवंबर के बीच प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच करें और ट्रैफिक की भीड़ को नियंत्रित करें।
प्रदूषण गतिविधियों की निगरानी रखने, तत्काल कार्रवाई करने के लिए 1-10 नवंबर तक ‘क्लीन एयर कैंपेन’ चलाया जा रहा है। रविवार को टीमों ने कुल 83,55,000 रुपये का जुर्माना वसूला। दिल्ली-एनसीआर में इस अभियान के तहत शुक्रवार और शनिवार को नियमों का उल्लंघन करने वालों से कुल 80 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया। टीमें दिल्ली के अलावा फरीदाबाद, गुरूग्राम, गाजियाबाद और नोएडा के विभिन्न भागों का दौरा कर रही हैं।