नयी दिल्ली: दिल्ली में धुंध छाने और इस कारण प्रदूषक तत्वों का बिखराव रुकने से शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई। इस मौसम में ऐसा चौथी बार हुआ जब यहां वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंची है। वायु गुणवत्ता दिवाली से सिर्फ दो दिन पहले इस साल पहली बार गंभीर श्रेणी में पहुंची थी।
दिवाली के एक दिन बाद, आठ नवंबर को वायु गुणवत्ता फिर से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई थी। तीसरी बार 12 दिसंबर को फिर से ऐसा हुआ था। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डेटा के अनुसार, शहर का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 421 रहा जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। एक्यूआई 100 से 200 तक ‘मध्यम’ श्रेणी, 201 से 300 तक ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’ जबकि 401 से 500 तक ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
बोर्ड ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के 28 क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रही जबकि सात क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। अधिकारियों ने कहा कि वे स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और अगर यही स्थिति 48 घंटे तक बनी रहती है तो कारों की सम-विषम योजना सहित आपातकालीन उपाय सहित मजबूत कदम उठाए जाएंगे।
अधिकारियों ने कहा कि अगर प्रदूषण 48 घंटों तक ‘गंभीर’ श्रेणी में रहता है तो निर्माण कार्यों पर पाबंदी भी लगाई जा सकती है। दिल्ली में औसत ‘पीएम 2.5’ स्तर 296 जबकि ‘पीएम 10’ स्तर 466 के आंकड़े पर दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में, गाजियाबाद में एक्यूआई 451 के आंकड़े पर रहा। नोएडा में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ जबकि फरीदाबाद में ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है।
केन्द्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली ने कहा कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुबह ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई और इसके रविवार की दोपहर इसी श्रेणी में रहने की उम्मीद है। इसके बाद इसमें थोड़ा सुधार हो सकता है और यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में जा सकती है।