नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बारिश के बाद प्रदूषण से मिली कुछ राहत के बाद शहर की वायु गणवत्ता फिर से बिगड़कर खराब और अत्यंत खराब श्रेणी के बीच झूल रही है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के मुताबिक, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 308 दर्ज किया गया जो अत्यंत खराब श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 269 बताया गया है, जो खराब श्रेणी में आता है।
दिल्ली की छह जगहों में वायु गुणवत्ता अत्यंत खराब और 26 जगहों पर खराब दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डेटा के मुताबिक, शनिवार को हवा में अति सूक्ष्म कणों -पीएम 2.5 का स्तर 125 दर्ज किया गया जबकि पीएम 10 का स्तर 238 रहा। अति सूक्ष्म कण पीएम 2.5 का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम होता है। गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई जबकि गुड़गांव में हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रही।
वायु गुणवत्ता सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को अच्छा, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक मध्यम व सामान्य, 201 से 300 के स्तर को खराब, 301 से 400 के स्तर को अत्यंत खराब और 401 से 500 के स्तर को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। सफर की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब और अत्यंत खराब के बीच में झूल रही है और इसके अगले दो दिनों में अत्यंत खराब की श्रेणी में पहुंचने की संभावना हें।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि हवा की गति तेज है लेकिन नमी के कारण हवा की प्रदूषक तत्त्वों को धारण करने की क्षमता भी अधिक है, जो प्रतिकूल व नुकसानदेह है। इसमें कहा गया है कि कृषि अवशेष को जलाने की घटनाओं में कमी आई है। सफर ने बताया कि बारिश में प्रदूषक तत्वों के बह जाने से बुधवार और बृहस्पतिवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता में महत्त्वपूर्ण सुधार देखा गया। लेकिन बारिश खत्म होते ही हवा में प्रदूषक तत्त्वों को धारण करने की क्षमता बढ़ने के कारण शुक्रवार को प्रदूषण स्तर फिर से बढ़ गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है जिससे उनको फायदा होगा।