नई दिल्ली: दिल्ली की मंडोली जेल के अधिकारियों ने राजधानी में एक अदालत के समक्ष दावा किया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में एक आरोपी ने सहानुभूति हासिल करने के लिए ‘झूठे’ और ‘शरारतपूर्ण’ आरोप लगाए कि जेल अधिकारियों द्वारा उसे बुरी तरह पीटा गया और जेलकर्मियों ने उसके साथ बदसलूकी की। मंडोली जेल के अधीक्षक ने आरोपी तनवीर मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों के जवाब में मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार के समक्ष दायर एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। मलिक को इस साल फरवरी में दयालपुर इलाके में सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
अदालत के सामने 18 दिसंबर को दी गई रिपोर्ट
मलिक ने आरोप लगाया कि जेल अधिकारियों द्वारा आठ दिसंबर को उसे बुरी तरह पीटा गया और उसे चिकित्सीय परीक्षण के लिए अस्पताल भी नहीं ले जाया गया। उसने यह भी आरोप लगाया कि जेल अधिकारियों द्वारा उसे खाना नहीं दिया गया और जेल अधिकारी उस पर समझौते का दबाव बना रहे हैं, अन्यथा वे जेल में उसका जीना मुश्किल कर देंगे। अदालत के समक्ष 18 दिसंबर को दी गई रिपोर्ट में कहा गया कि मलिक को चोट तब लगी, जब उसके हिंसक होने के बाद जेल कर्मी उसे शांत करने की कोशिश कर रहे थे।
‘जांच के दौरान हिंसक हो गया था मलिक’
इसमें आगे कहा गया कि 8 दिसंबर को एक गोपनीय सूचना मिली कि मलिक के वॉर्ड में कुछ कैदी कथित रूप से मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके बाद वॉर्डन मंजीत सिंह, वॉर्डन सचिन कुमार, हेड वॉर्डन अमित कुमार का एक जांच दल उसी दिन सुबह सहायक अधीक्षक नरेश कुमार की निगरानी में गठित किया गया। इसमें कहा गया, ‘जांच दल जब बैरक में तलाशी और कैदियों की जांच कर रहा था तभी अचानक आरोपी तनवीर मलिक हिंसक हो गया और कर्मचारियों से बदसलूकी करने लगा। अगर उसके पास दिखाने या छिपाने के लिये कुछ नहीं था तो फिर उसके ऐसा व्यवहार करने की कोई वजह नहीं थी।’
‘अफरातफरी में लगी पांव के अंगूठे में चोट’
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके बाद जेल कर्मियों को उस पर शक हुआ और वे उसे आगे की जांच के लिए आंतरिक नियंत्रण केंद्र ले गए। इसके मुताबिक वहां मलिक ने फिर हिंसक व्यवहार किया और अधिकारियों को अपशब्द कहने के साथ ही उनसे दुर्व्यवहार करने लगा। उसे शांत/काबू करने के प्रयास के दौरान उसे धमकाया गया। इसी अफरातफरी के दौरान वह नीचे गिर गया जिसकी वजह से उसके पांव के अंगूठे में चोट आई।