Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर दंगों में शामिल दंगाइयों पर चल सकता है देशद्रोह का मुकदमा

दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर दंगों में शामिल दंगाइयों पर चल सकता है देशद्रोह का मुकदमा

किसान आंदोलन की आड़ में 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा करने वाले दंगाइयों के खिलाफ अब देशद्रोह का मुकदमा चलेगा।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 28, 2021 23:31 IST
Red Fort UAPA, Red Fort Treason Case, Red Fort Violence UAPA Case, Farmers protest live updates- India TV Hindi
Image Source : PTI किसान आंदोलन की आड़ में 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा करने वाले दंगाइयों के खिलाफ अब देशद्रोह का मुकदमा चलेगा।

नई दिल्ली: किसान आंदोलन की आड़ में 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा करने वाले दंगाइयों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चल सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली को दंगे की आग में झोंकने वाले दंगाइयों के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत जांच होगी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 26 जनवरी को हुई हिंसा के मामले की जांच शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस ने शुरुआती जांच में दंगे में लिप्त पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमे दर्ज किए हैं।

सिख फॉर जस्टिस पर हुई थी FIR

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने UAPA और देशद्रोह के तहत सिख फॉर जस्टिस को लेकर 15 दिन पहले रोहिणी में एक मुकदमा दर्ज किया था। उसी केस में अब लाल किले और दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर पुलिस की स्पेशल सेल के एसीपी ललित मोहन नेगी ‘खालिस्तान’ ऐंगल की जांच करेंगे। बता दें कि ललित मोहन नेगी ने दर्जनों आतंकियों का सफाया किया है और वह कई वीरता पुरस्कारों से सम्मानित हैं। बता दें कि UAPA की जांच को लेकर 15 दिन पहले ही FIR हुई थी, और स्पेशल सेल उसी एफआईआर के आधार पर लाल किले और दिल्ली की हिंसा की तफ्तीश करेगी।

दिल्ली पुलिस ने 44 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली पुलिस अपराध शाखा लाल किले, आईटीओ और 7 अन्य स्थानों पर हुई हिंसा से संबंधित मामलों की जांच करेगी। इस बीच दिल्ली पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में 33 प्राथमिकी दर्ज कीं, 44 लोगों के खिलाफ ‘लुकआउट’ नोटिस जारी किए हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को बताया कि किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा को लेकर योगेंद्र यादव और बलबीर सिंह राजेवाल समेत 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है और पूछा है कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने इन किसान नेताओं से 3 दिन में अपना जवाब देने के लिए कहा है। 

पुलिस कमिश्नर ने कहा, 26 जनवरी की हिंसा में किसान नेता शामिल थे
दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई से एक दिन पहले बुधवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने आरोप लगाया था कि 26 जनवरी की हिंसा में किसान नेता शामिल थे और उन्होंने चेतावनी दी थी कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। अधिकारी ने कहा, ‘हमने योगेंद्र यादव समेत 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है। इन सभी से तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया है।’ पुलिस ने बुधवार को अन्य किसान नेता दर्शनपाल को नोटिस जारी किया था और कहा था कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले में तोड़फोड़ ‘सबसे अधिक निंदनीय और देश विरोधी कृत्य’ है।

किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई थी व्यापक हिंसा
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को ही किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान व्यापक हिंसा हुई थी। गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड का लक्ष्य कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग करना था। दिल्ली पुलिस ने राजपथ पर समारोह समाप्त होने के बाद तय रास्ते से ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति दी थी, लेकिन हजारों की संख्या में किसान समय से पहले विभिन्न सीमाओं पर लगे अवरोधकों को तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश कर गए। कई जगह पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई और पुलिस को लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा। गणतंत्र दिवस को हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए हैं।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement