नई दिल्ली. रूस, ईरान और पांच मध्य एशियाई देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ अफगानिस्तान के विषय पर बुधवार को हुई ‘दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता’ भारत की उम्मीद से बेहतर रही। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई वार्ता में रूस, ईरान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के उनके समकक्षों ने भाग लिया।
सूत्रों ने बताया कि अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति और क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियों के आकलन को लेकर वार्ता में शामिल देशों की राय में ‘‘असाधारण समानता’’ थी। एक सूत्र ने कहा, ‘‘इनमें सुरक्षा की स्थिति, आतंकवाद का बढ़ता खतरा और आसन्न मानवीय संकट जैसे मामले शामिल थे।’’
सूत्रों ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने मानवीय मदद की आवश्यकता पर गौर किया और जोर दिया कि इसके लिए थल एवं वायु मार्ग उपलब्ध रहने चाहिए और किसी को इस प्रक्रिया को बाधित नहीं करना चाहिए।’’ अधिकारियों ने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी द्विपक्षीय एजेंडे के चलते किसी को भी वार्ता प्रक्रिया का बहिष्कार नहीं करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि भारत ने चीन और पाकिस्तान को भी इस वार्ता के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन दोनों देशों ने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया।