नई दिल्ली: दिवाली से पहले दिल्ली की हवा जहरीली हो चुकी है। दिवाली के पहले सोमवार को दिल्ली गैस चैंबर बन गई। दिल्ली में हवा कीहालत इतनी खराब है कि प्रदूषण का स्तर नीचे गिरकर ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है। पड़ोसी राज्यों में भारी मात्रा में पराली जलाने से दिल्ली की आबोहवा बुरी तरह बिगड़ गई है। केंद्र की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के एक अधिकारी ने बताया कि मध्यम गति की हवा चलने के बावजूद पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के चलते दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है।
गौरतलब है कि सूचकांक 0 से 50 तक होने पर हवा को ‘अच्छा’, 51 से 100 होने पर ’संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 से ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है। सोमवार को पीएम2.5 (हवा में 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम मोटाई वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 268 दर्ज किया गया जबकि पीएम10 (हवा में 10 माइक्रोमीटर से भी कम मोटाई वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 391 दर्ज किया गया।
आनंद विहार से लेकर चाणक्यपुरी तक जहरीली हुई हवा
प्रदूषण का हाल यह है कि आनंद विहार से लेकर चाणक्यपुरी तक हवा बिल्कुल जहरीली हो गई है। प्रदूषण की वजह से लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो रही हैं। कई लोगों को जहां सांस लेने में दिक्कत हो रही है, वहीं आंखों में जलन की शिकायत भी है। इस सबके साथ साथ विजिबिलिटी की समस्या भी खड़ी हो गई है। कुछ इलाकों में तो धुंध इतनी ज्यादा है कि थोड़ी ही दूरी पर देख पाना भी मुश्किल हो गया है। मेजर ध्यान चंद स्टेडियम में हवा की गुणवत्ता 676 रही और जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में यह 681 पर थी। एयर क्वॉलिटी के ये स्तर 'खतरनाक' की कैटिगरी में आते हैं।
दिल्ली में अभी और खराब होगी हवा
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान ने कहा कि भारत के उत्तरपश्चिम क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाएं शनिवार को गुरुवार की तुलना में कम रहीं लेकिन संगठन ने सोमवार से पीएम 2.5 के आंकड़े में तेजी से बढोत्तरी होने की चेतावनी दी। संस्थान ने कहा, ‘अगर भारत के उत्तरपश्चिम क्षेत्र में रविवार और सोमवार को बड़ी मात्रा में पराली जलाना जारी रहता है तो दिल्ली के ऊपर इसका असर आने की बहुत आशंका है और AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी के ऊपरी लेवल पर पहुंच सकता है।’
प्रदूषण पर नियंत्रण को हो रही माथापच्ची
उन्होंने कहा कि हवा की उत्तरपश्चिम दिशा में मंगलवार और बुधवार को पराली के जलने से पैदा गैसों का प्रभाव महसूस किया जा सकता है। दिल्ली में अधिकारियों ने प्रदूषण से निपटने के लिए कई प्रयास किये हैं जिसमें निर्माण कार्य को रोकने सहित यातायात संबंधी गतिविधियों पर नियंत्रण लगाना शामिल है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने ट्रैफिक डिपार्टमेंट और ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया है कि वह 1-10 नवंबर के बीच प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच करें और ट्रैफिक की भीड़ को नियंत्रित करें।
1-10 नवंबर तक ‘क्लीन एयर कैंपेन’
प्रदूषण गतिविधियों की निगरानी रखने, तत्काल कार्रवाई करने के लिए 1-10 नवंबर तक ‘क्लीन एयर कैंपेन’ चलाया जा रहा है। रविवार को टीमों ने कुल 83,55,000 रुपये का जुर्माना वसूला। दिल्ली-एनसीआर में इस अभियान के तहत शुक्रवार और शनिवार को नियमों का उल्लंघन करने वालों से कुल 80 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया। टीमें दिल्ली के अलावा फरीदाबाद, गुरूग्राम, गाजियाबाद और नोएडा के विभिन्न भागों का दौरा कर रही हैं।