नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस कमिश्चर ने किसान रैली में हुई हिंसा पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होनें जानकारी देते हुए कहा कि 2 जनवरी को हमें किसान ट्रैक्टर रैली की जनकारी मिली थी। टैक्टर रैली की जानकारी मिलते ही हमने किसान नेताओं से बात की। रैली के लिए दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक का समय तय हुआ लेकिन 26 जनवरी को सुबह आठ बजे ही कई बॉर्डर से बैरिकेडिंग तोड़कर भीड़ दिल्ली के अंदर घुस गई।
पुलिस ने बताया कि रैली के दौरान किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू ने बहुत भड़काऊ भाषण दिए। डॉ दर्शनपाल ने भी पुलिस की बात नहीं मानी। किसान नेता बूटा सिंह किसानों के साथ हिंसा में शामिल हुए। वहीं किसानों में से कुछ ने लाल किले पर धार्मिक झंडा फेहराया। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि सभी उपद्रवियों की पहचान होगी, किसी को बक्शा नही जाएगा। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि किसान संगठन के नेताओं से पूछताछ होगी। किसी भी दोषी नेता को छोड़ा नही जाएगा।
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पुलिस कमिश्चर ने बताया कि दिल्ली पुलिस की ट्रैक्टर रैली से पहले कई मुद्दों पर किसान नेताओं के साथ बातचीत हुई थी जिसमें इस बातों पर सहमति बनी थी कि टैक्टर मार्च दोपहर 12 बजे शुरु होकर शाम 5 बजे खत्म हो जाएगा। ट्रेक्टर मार्च के दौरान किसान लीडर्स अगली पंक्ति रहकर किसानों को लीड करेंगे। हर एक जत्थे के साथ लीडर्स साथ चलेंगे ताकि भीड़ को कंट्रोल कर सके।
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उन्होनें बताया कि तय हुआ था कि रैली में 5000 से ज्यादा ट्रेक्टर्स न हो, कोई हथियार, फायर आर्म, भाला कुछ साथ न हो। रैली शांति और अनुशाशन में हो। कमिश्नर ने बताया कि इसपर लिखित परमिशन के बाद अंडरटेकिंग भी ली गई थी। उन्होनें आगे जानकारी देते हुए यह भी बताया कि हमें 25 जनवरी की देर शाम को समझ आया था कि वो वादे से मुकर रहे है। 26 जनवरी को रैली के दौरान जो अग्रेसिव थे उनको उन्होंने आगे कर दिया।
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पुलिस कमिश्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि रैली के दौरान हुई हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए जिनमें कुछ ICU में है। हिंसा के दौरान 428 बैरिकेडिंग तोड़ी गई। 25 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होनें बताया कि कार्रवाई के दौरान पुलिस ने सइयम दिखाया और किसी की जान नहीं गई। इस हिंसा के संबंध में 19 लोग गिरफ्तार हुए और 50 लोग हिरासत में लिए गए है।
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