नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उन लोगों की खैर नहीं है जो अपने वाहनों में प्रेशर हॉर्न या मोडिफाइड साइलेंसर लगवाते हैं। देखने में आया है कि कई बाइकर्स अपनी बाइकों में तरह-तरह के मॉडिफिकेशन करवा लेते हैं जिनसे लोगों को असुविधा होती है। अच्छी खबर यह है कि दिल्ली में ध्वनि प्रदूषण कम करने के प्रयास के तहत 4 जून से 22 जुलाई के बीच प्रेशर हॉर्न का उपयोग करने को लेकर 6,315 और मॉडिफाइड साइलेंसर लगाने को लेकर 56 वाहन चालकों पर जुर्माना लगाया गया है।
छात्रसंघ चुनावों के दौरान झेलना मुश्किल
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) बी.के. सिंह ने हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस सी. हरिशंकर की सदस्यता वाली खंड पीठ में रिपोर्ट दाखिल की। खंड पीठ जस्टिस फॉर राइट्स फाउंडेशन की तरफ से अधिवक्ता हरप्रीत सिंह होरा की याचिका पर बुधवार को सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि प्रेशर हॉर्न्स और मॉडिफाइड साइलेंसर्स (विशेष रूप से कुछ मोटरसाइकिलों पर) बहुत शोर करते हैं और यह समस्या दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनावों के दौरान अनियंत्रित हो जाती है
अपराध है प्रेशर हॉर्न और मॉडिफाइड साइलेंसर्स का उपयोग
सिंह ने कहा, ‘प्रेशर हॉर्न और मॉडिफाइड साइलेंसर्स का उपयोग पहले ही एक अपराध है। हाई कोर्ट ने हमसे पूछा कि क्या हम मोटरसाइकिलों से प्रेशर हॉर्न हटा रहे हैं तो हमने इसका जवाब देने के लिए एक हलफनामा दाखिल किया है। हम वाहनों की जांच करते हैं और अगर वाहनों में मॉडिफाइड साइलेंसर्स या प्रेशर हॉर्न फिट होते हैं तो हम उन्हें हटा देते हैं और वाहन चालक पर बड़ा चालान काटते हैं।’ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को तय की है। (IANS)