नई दिल्ली: क्या वकील बवाली हो गए हैं? ये सिर्फ एक सवाल है, किसी का बयान नहीं है। दो नंबर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच का विवाद इतना बढ़ गया कि अब यह सवाल पूछना पड़ ही रहा है। हालांकि, यह सवाल पूछने के पीछे इस घटना के बाद की एक और घटना भी है। दरअसल, दिल्ली के ही साकेत में अदालत के बाहर सोमवार को वकीलों द्वारा ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी की कथित तौर पर पिटाई किये जाने की घटना सामने आयी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
साकेत में एक पुलिसकर्मी को पीटा
कथित घटना के एक वीडियो में, वकील एक बाइक पर सवार पुलिसकर्मी को पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं। वकीलों में से एक को पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारते भी देखा गया। जब पुलिसकर्मी घटनास्थल से जा रहे थे, तब वकील ने उनके हेलमेट को उनकी बाइक पर भी मारा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘साकेत अदालत में एक पुलिसकर्मी को वकीलों ने पीटा। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है।’’ वहीं, इससे इतर तीस हजारी कोर्ट परिसर में हुई झड़प की वीडियोज लगातार सामने आ ही रही हैं।
देश के कई हिस्सों में वकीलों ने काम रोका
तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस की झड़प के विरोध में इलाहबाद उच्च न्यायालय सहित अधीनस्थ अदालतों के वकील ने न्यायिक कार्य बहिष्कार किया। लिहाजा अदालतों में न्यायिक कार्य बुरी तरह प्रभावित रहा। वहीं, तेलंगाना उच्च न्यायालय समेत विभिन्न अदालतों के वकीलों ने भी न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया। इसके अलावा दिल्ली उच्च न्यायालय तथा राष्ट्रीय राजधानी की सभी जिला अदालतों के वकील सोमवार को हड़ताल पर रहे। वकील अदालती कार्यवाही में शामिल नहीं हो रहे हैं।
तीस हजारी कोर्ट परिसर में क्या हुआ?
तीस हजारी कोर्ट परिसर में हुए पुलिस और वकीलों के बीच के बवाल को अगर हम अलग- अलग सीसीटीवी और मोबाइल वीडियो के जरिए समझने की कोशिश करें, तो ही इस पूरे मामले को पूरी तरह से समझा जा सकता है। असल में मामला पार्किंग को लेकर शुरू हुआ था। एक वकील जल्दबाजी में तीस हजारी कोर्ट परिसर में बने पुलिस लॉकअप के बाहर अपनी गाड़ी खड़ी करके अंदर जाने लगा, जिसे दिल्ली पुलिस की थर्ड बटालियन यूनिट ने मना किया। इसपर आपस में गाली-गलीच और फिर मारपीट हुई।
मार-पिटाई, तोड़फोड़, आगजनी
हालांकि, पहले किसने मार-पिटाई शुरू की यह अभी साफ नहीं है। यह जांच का विषय है। खैर, वकीलों और पुलिस के बीच हुई इस हिंसक झड़प में एक वकील को गोली लगी, एक दो और वकील घायल हुए। जिसके बाद वकीलों ने पुलिस की जिप्सी, प्राइवेट बाइक और कैदियों की बसों में आग लगा दी। इतना ही नहीं, मीडिया कर्मियों के मोबाइल तोड़े, कुछ की पिटाई की, एडिशनल डीसीपी हरेन्द्र सिंह समेत कई एसएचओ और सिपाहियों को पीटा, बवाल किया और फिर नारेबाजी भी की। यह सब दो तारीख को हुआ।
वीडियोज बताएंगे, किसकी गलती?
झड़प के बाद वकीलों ने खुद को पाक साफ़ दिखाने की कोशिश शुरू की। पहले तो वीडियो बनाने वालों को मारा और दो तारीख की रात तक सीसीटीवी फुटेज की आधी-अधूरे क्लिप्स फेसबुक पर शेयर करनी तथा और मीडिया को बांटनी शुरू कर दी। वकीलों द्वारी शेयर की गई सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि एक पुलिसकर्मी घायल पड़ा है और कुछ दूसरे पुलिसवाले एक वकील को पीट रहे हैं। इससे पुलिस पर सवाल खड़े होने लगे थे। इसी बीच इंडिया टीवी के हाथ दो और एक्सक्लूसिव वीडियो लगीं।
वकीलों की करतूत से उठा पर्दा
एक वीडियो में दिखा कि काफी वकील लॉकअप में अंदर हैं और एक पुलिसकर्मी घायल पड़ा हुआ है। वहीं, दूसरी फुटेज में जो दिखा वह बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योकि, ये वकीलों की साजिश के मुताबिक फुटेज का आधा-हिस्सा नहीं बल्कि उसका पूरी सीसीटीवी वीडियो है। वीडियों में दिख रहा है कि बड़ी संख्या में वकील लॉकअप के अंदर घुसते हैं, जो पुलिसवाला मिलता है, उसे मारते हैं। इस दौरान एक पुलिसवाला बेहोश होकर गिर जाता है। वीडियो में यह भी दिख रहा है कि पुलिसवाले गेट बंद करते हैं। फिर भी एक वकील जबरन अंदर आ जाता है, जिसके बाद पुलिसवाले इसकी पिटाई करते हैं।
वकीलों का झूठ आया सामने
वहीं, वकील द्वारा एक आधी सीसीटीवी फिटेज वायरल करने के बाद एक दूसरी वीडियो भी वायरल की, जिसमे पुलिसवाले वकीलों को दौड़ा-दौड़ाकर मार रहे हैं और चेम्बर तोड़ रहे हैं। लेकिन, इसके उलट ही वकीलों की करतूत की एक और वीडियो इंडिया टीवी के हाथ लगती है, जिसमें वकील पुलिकालों को पकड़-पकड़कर पीट रहे हैं। वहीं, एक दूसरी वीडियो में दिखा कि महिला वकील समेत कुछ वकील लॉकअप के बाहर बाइक में आग लगा रहे हैं। हालांकि, वकील दावा कर रहे थे कि उन्होंने आग नहीं लगाई।