नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तरप्रदेश के भाजपा सांसदों को निर्देश दिया कि वे राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण के संबंध में कोई सिफारिश नहीं रखें। मोदी ने कहा कि उनके प्रशासन को केवल सुशासन पर ध्यान केंद्रित करने देना चाहिए।
सांसदों से नाश्ते पर मुलाकात करते हुए मोदी ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की शानदार सफलता के लिए उनके कठिन परिश्रम पर उन्हें धन्यवाद दिया और उनसे पार्टी विधायकों के साथ मिलकर एक टीम की तरह काम करने को कहा ताकि राज्य में बदलाव लाया जा सके।
ये भी पढ़ें
- चुनाव में हार के बाद बदला BSP का नारा, 'ब्राह्मण उत्पात मचाएगा, 'हाथी' बढ़ता जाएगा'
- EC ने शशिकला को दिया ‘टोपी’ चुनाव चिह्न, पन्नीरसेल्वम को मिला ‘बिजली का खंभा’
बैठक में मौजूद एक सांसद ने कहा, मोदीजी ने राज्य के पार्टी सांसदों और विधायकों को एक टीम की तरह काम करने की जरूरत पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि हमें कठिन परिश्रम करने के लिए जनादेश दिया गया है, उत्सव मनाने के लिए नहीं।
एक अन्य सांसद ने बताया कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि सांसदों को किसी अधिकारी की नियुक्ति या स्थानांतरण के लिए आदित्यनाथ को सिफारिश या सम्पर्क नहीं करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों ने जबर्दस्त जनादेश लोगों की सेवा करने और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने के लिए दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आवास पर सांसदों की बैठक बुलाई थी जिसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार और पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने हिस्सा लिया।
भाजपा ने अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तरप्रदेश चुनाव में भाजपा की जबर्दस्त जीत के लिए पार्टी सांसदों को बधाई दी और कहा कि उन्हें पार्टी को मजबूत बनाने के लिए लगातार काम करना चाहिए और राज्य का सर्वांगीण विकास होना चाहिए जिसे लोग देख सकें।
उन्होंने कहा कि भाजपा 15 वर्षो के बाद राज्य में सत्ता में आई है और हमें राज्य में परिवर्तन लाना है और इसे बीमारू राज्य की श्रेणी से निकाल कर विकसित बनाना है। मोदी ने सांसदों से कहा कि सरकार को राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था सुनिश्चित करके लोगों की उम्मीदों को पूरा करना चाहिए।
उत्तरप्रदेश चुनाव परिणाम के बाद प्रधानमंत्री मोदी की भाजपा सांसदों के साथ यह पहली बैठक थी। आने वाले समय में विभिन्न क्षेत्रों के सांसदों के साथ पांच ऐसी और अनौपचारिक बैठकें होगी।