नई दिल्ली: दिल्ली पेट्रोल डीलर्स असोसिएशन (DPDA) ने कहा है कि सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध के कारण पिछले 65 दिनों में जीरो कारोबार के साथ उनके लिए गुजारा करना अब मुश्किल हो गया है। असोसिएशन ने कहा है कि उन्हें वेतन और सरकार को टैक्स का भुगतान करना है इसलिए मुश्किलें पेश आ रही हैं। असोसिएशन की तरह से यह भी कहा गया है कि किसान 2 पेट्रोल पंपों के पास 'लंगर' का खाना पका रहे हैं जो विस्फोटक नियमों के खिलाफ है।
‘पिछले 65 दिनों से बंद है बिक्री’
DPDA प्रबंध समिति के सदस्य राजीव जैन ने कहा, ‘सिंघु बॉर्डर पर सभी 6 पेट्रोल पंप और टिकरी बॉर्डर पर 5 पेट्रोल पंप किसानों के विरोध के कारण अवरुद्ध हैं।’ जैन ने कहा कि पिछले 65 दिनों से डीजल, पेट्रोल और सीएनजी की बिक्री नहीं हुई है। जैन ने कहा, ‘दिल्ली की सीमाओं के आसपास फैक्ट्री, कार शोरूम और दुकानों में भी पिछले दो महीनों से कारोबार में कमी आई है और उन्हें वेतन, बिजली के फिक्स चार्ज, बैंक ब्याज EMI, PF, ESI आदि जैसे सभी खर्च उठाने पड़ रहे हैं। ऐसे हालात में ज्यादा दिनों तक टिके रहना मुश्किल है।’
‘पेट्रोल पंप में पक रहा है लंगर’
जैन ने कहा, ‘किसान 2 पेट्रोल पंपों के पास बैठे हैं और 'लंगर' पका रहे हैं। यह विस्फोटक नियमों के खिलाफ है। दिल्ली पुलिस को इस बारे में लिखित रूप से सूचित किया गया है, लेकिन उन्हें हटाया नहीं गया है।’ बता दें कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की कई सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। सरकार के साथ किसानों की बातचीत के ग्यारह दौर अनिर्णायक रहे हैं, जबकि किसानों की 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली में शहर के कई स्थानों पर हिंसक झड़पें देखी गईं।