नई दिल्ली। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने पश्चिमी दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के उन दावों की जांच के लिए पांच सदस्यीय एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया है जिनमें कहा गया था कि शहर में सरकारी जमीन पर मस्जिदें ‘‘तेजी से बढ़’’ रही हैं।
प्रवेश वर्मा ने हाल में उपराज्यपाल अनिल बैजल को एक पत्र लिखकर दावा किया था कि सरकारी जमीन और सड़क किनारे लगभग 100 इस तरह की मस्जिदें हैं और उन्होंने इस संबंध में कार्रवाई की मांग की थी। आयोग द्वारा गठित की गई तथ्यान्वेषी समिति की अध्यक्षता सामाजिक कार्यकर्ता ओवैस सुल्तान खान करेंगे।
भाजपा सांसद ने दावा किया था कि दिल्ली, विशेषकर उनके संसदीय क्षेत्र में सरकारी जमीन पर मस्जिदों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आयोग के अध्यक्ष जफरूल-इस्लाम खान ने कहा, ‘‘दिल्ली से भाजपा के अन्य सांसद मनोज तिवारी ने भी राष्ट्रीय राजधानी के अन्य स्थानों पर इसी तरह के आरोप लगाये है।’’
इस तथ्यान्वेषी समिति के अन्य सदस्य गुरमिंदर सिंह मथारू, डॉ डेन्जिल फर्नांडीस, अंकुर ओटो और रईस अहमद हैं। खान ने बताया कि यह समिति विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर पश्चिमी दिल्ली का दौरा करेगी और 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पूरी करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण एक पुरानी समस्या है लेकिन इसे एक खास धार्मिक समुदाय का मुद्दा बनाना गलत है।’’