नई दिल्ली: सोमवार को दिल्ली मेट्रो सेवा संभवत: बंद रहेगी। डीएमआरसी स्टाफ काउंसिल ने अपनी मांगों को लेकर 24 जुलाई को पूरी तरह काम बंद रखने की घोषणा की है। मेट्रो दिल्ली की लाइफ़ लाइन मानी जाती है और अगर हड़ताल हुई तो दिल्लीवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। मेट्रो से 30 से 35 लाख यात्री रोज़ाना सफ़र करते हैं। दिल्ली एनसीआर में करीब 300 मेट्रो ट्रेन हैं।
आपको बता दें कि मेट्रो के स्टाफ़ ने शुक्रवार को भी बदरपुर, विश्वविद्यालय, कुतुब मीनार, शाहदरा समेत 7 मेट्रो स्टेशनों पर विरोध-प्रदर्शन किया था। ट्रेन ऑपरेटरों के साथ-साथ मेट्रो के संचालन, मरम्मत और देखरेख में लगे कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार से काली पट्टी बांधकर विरोध शुरू कर दिया है। कई स्टेशनों के प्लैटफॉर्म पर जमीन पर बैठकर विरोध दर्ज किय़ा गया। रविवार शाम को कर्मचारी यमुना बैंक स्टेशन पर इकट्ठे होंगे। मांगें नहीं मानी गईं तो सोमवार से कोई भी काम पर नहीं जाएगा।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की स्टाफ काउंसिल के सेक्रटरी अनिल कुमार महतो ने कहा कि मेट्रो में करीब 9 हजार का स्थाई स्टाफ है। उन्होंने बताया कि DMRC से 29 मई 2015 में एक समझौता हुआ था जिसके तहत कर्मचारियों को बढ़े हुए पे-स्केल पर सैलरी मिलनी थी लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। एक स्टाफ को टर्मिनेट कर दिया गया। खुद मुझे चार्जशीट दी गई कि मैंने ऑपरेशन कंट्रोल रूम में फोटो खिंचाई है। कई कर्मचारियों को नेगेटिव पॉइंट दिए गए, कइयों नोटिस थमाए गए हैं।'
काउंसिल का आरोप है कि विभाग के जो भी एग्जाम होते हैं, उसके पेपर बड़े अधिकारी लीक कर देते हैं। पिछले साल काउंसिल की ओर से सबूत के साथ शिकायत की गई थी। इस मामले को जांच के लिए विजिलेंस विभाग के पास भी भेजा गया लेकिन रिपोर्ट आज तक नहीं दी गई। ऐसे में इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
मोहता ने बताया कि उनकी मांग है कि 12 साल की नौकरी के बाद हटाए गए विनोद शाह को वापस लिया जाए। उन्हें और काउंसिल के मेंबर रवि भारद्वाज को दी गई चार्जशीट वापस ली जाए। काफी संख्या में कर्मचारियों को दी गई नेगेटिव मार्किंग वापस ली जाए और 29 मई 2015 के समझौते के तहत कर्मचारियों को एक समान वेतन दिया जाए।
दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता अनुज दयाल का कहना है कि एचआर विभाग काउंसिल की मांग को ध्यान में रखते हुए व्यवहारिक तरीके से हल निकालने की कोशिश कर रहा है। दिल्ली मेट्रो का कहना है कि तीसरे वेतन आयोग की सिफारिशों को सरकार मान चुकी है। आदेश जल्द जारी हो सकते हैं इसलिए सैलरी के मुद्दे जल्द सुलझा लिए जाएंगे। दूसरी मांग कुछ कर्मचारियों के खिलाफ मैनेजमेंट की कार्रवाई को वापस लेने की है। यह कार्रवाई अनुशासनहीनता से जुड़ी हुई है और व्यक्तिगत है। कुछ लोग कर्मचारियों को भड़का रहे हैं। मेट्रो सर्विस किसी भी तरीके से बाधित न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा।