नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एक नाबालिग लड़की का सौदा होने वाला था। 17 साल की लड़की की साढ़े तीन लाख बोली लगाई थी लेकिन दिल्ली के कमला मार्किट के एसएचओ सुनील कुमार की सूझबूझ से लड़की को बचा लिया गया। दरअसल ये दोनों जिस शख्स को जीबी रोड का कोठा मालिक या दलाल समझा, वह कमला मार्केट थाने के SHO निकले। उनसे मोबाइल पर बातचीत के दौरान ही लड़की बेचने की पूरी डील फाइनल कर दी।
दिल्ली से 1100 किलोमीटर दूर बिहार से नाबालिग लड़की को धोखे से दिल्ली लाया गया था। लड़की इन बातों से अंजान थी कि क्या होने वाला है। साज़िश रचने वाले इन दो आरोपियों ने ऐसा जाल बुना था कि लड़की को भनक तक नहीं लगी कि जिस पर वो भरोसा कर अपने माता पिता को छोड़ कर आई है वो उसका सौदा कर रहे हैं। साज़िश के तहत आरोपियों ने लड़की को बेचने के लिए दिल्ली के रेड लाइट एरिया जीबी रोड पर फोन किया।
फोन पर लड़की को बेचने की डील हो रही थी। कुछ देर बात करने के बाद डील तय हो चुकी थी। डिमांड साढ़े तीन लाख थी लेकिन बात करते-करते 2 लाख तीस हज़ार में अमर और रंजीत लड़की को बचने पर राज़ी हो गए। लेकिन इसी फोन कॉल से वे दोनों पकड़े गए। इन आरोपियों की गिरफ्तारी बेहद हैरान करने वाली है।
डील तय होते ही एडवांस के तौर पर 20 हज़ार लेने आए थे अमर और रंजीत लेकिन तभी ये दोनों पकड़े गए। पुलिस के मुताबिक जिस नंबर पर इन्होंने लड़की को बेचने के लिए फोन लगाया था वो फोन नंबर दिल्ली के कमला मार्किट के एसएचओ सुनील कुमार का था। लड़की बेचने की बात सुनते ही सुनील कुमार आरोपियों को कोठा मालिक बनकर बात करने लगे।
अमर और रंजीत बिहार के मोतिहारी के रहने वाले हैं। आरोपी अमर लड़की को अपने प्यार के जाल में फंसाकर बिहार से दिल्ली लाया था। शुरूआत में इसने लड़की को गुरूग्राम में रखा। वहीं से इसने अपने दोस्त रंजीत के साथ मिलकर लड़की को बेचने की साज़िश रची। लड़की को बेचने के लिए इन्होंने इंटरनेट पर खोज की तो इन्हें जीबी रोड का एक वीडियों मिला। इसी वीडियों में एक कोठे की दीवार पर लिखा था एक मोबाइल नंबर। इन्हें लगा वो नंबर कोठा मालिक का होगा लेकिन असल में वो नंबर कमला नगर थाने के एसएचओ का था।
एसएचओ आरोपियों के फोन कॉल से मामला समझ चुके थे इसीलिए वो कोठा मालिक बनकर लड़की खरीदने का नाटक करने लगे। जब डील तय हो गई तो लड़की समेत आरोपियों को नई दिल्ली स्टेशन के पास बुलाया जहां से पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।