नई दिल्ली: दिल्ली में मेजर अमित द्विवेदी की पत्नी शैलजा की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक मेरठ कैंट से गिरफ्तार मेजर निखिल हांडा ने ही शैलजा की हत्या की वो शैलजा पर शादी के लिए लगातार दबाव बना रहा था जिससे इनकार के बाद ही उसने मर्डर कर दिया। पुलिस का दावा है कि मेजर निखिल राय हांडा और शैलजा एक दूसरे को पिछले तीन साल से जानते थे। दोनों में अफेयर भी था।
शैलजा अपने पति के साथ कांगो जा रही थी इस बीच आरोपी निखिल हांडा लगातार शादी के लिए दबाव बनाने लगा। शनिवार को निखिल ने ही शैलजा को लगातार फोन करके बुलाया। शनिवार सुबह 10 बजे शैलजा भी बेस अस्पताल फिजियोथेरेपी करवाने पहुंची जहां दोनों की मुलाकात हुई दोनों में वहां झगड़ा हुआ, जिसके बाद वो होंडा सिटी कार से शैलजा को लेकर निकला और रास्ते में चाकू से गला रेता और जहां वारदात को अंजाम दिया वहीं शैलजा को फेंक कर फरार हो गया। मर्डर करने के बाद निखिल ने अपनी कार का पहिया भी शैलजा के ऊपर चढ़ा दिया।
मर्डर के बाद मेजर निखिल हांडा भागता रहा और जब पुलिस की पकड़ में आया तो एक नई कहानी सुनाने लगा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक शुरुआती पूछताछ में निखिल हांडा ने बताया कि शैलदा द्विवेदी उस पर शादी करने के लिए दबाव बना नही थी। निखिल ने बताया कि शैलजा अपने परिवार को छोड़ने के लिए तैयार थी और लगातार ये ज़िद कर रही थी कि निखिल उससे शादी करे। हालांकि पुलिस को निखिल की इस थ्योरी पर यकीन करने की वजह नहीं मिल रही है।
एक तरफ पुलिस ये जानने में लगी थी कि आखिर मर्डर की नौबत क्यों आई तो दूसरी तरफ पुलिस के सूत्रों को पता लगा कि शैलजा द्विवेदी और आरोपी निखिल हांडा का अफेयर था। शैलजा के घरवालों को अफेयर का पता लगा तो उन्होंने उसे समझाया कि इस रिश्ते को खत्म कर दे, शैलजा ने परिवार की बात मानी, इस बीच दो महीना पहले शैलजा के पति मेजर अमित द्विेवेदी का ट्रांसफर दीमापुर से दिल्ली हो गया और शैलजा भी उनके साथ आ गई। पुलिस के मुताबिक शैलजा से निखिल से बात नहीं कर रही थी, लेकिन निखिल उस पर बार बार दुबारा अफेयर के लिए दबाव बना रहा था, वो बीच में भी दिल्ली आया और शैलजा से मुलाकात की कोशिश करने लगा।
निखिल ने शनिवार की सुबह शैलजा को अस्पताल बुलाया और वहां से अपनी कार में बिठा कर बराड़ स्क्वेयर की तरफ ले गया। जिस जगह पुलिस को शैलजा का शव मिला वहां खून से सने गाड़ी के पहिए के निशान भी मिले। पुलिस के लिए मुश्किल ये थी कि हादसे का कोई चश्मदीद नहीं था, ना ही इस बात का पता चला कि चलती गाड़ी में ही शैलजा का मर्डर किया गया और फिर लाश को बाहर फेंका गया। इसके बाद पुलिस ने अस्पताल से कत्ल की जगह तक के रूट को खंगाला। इस पूरी कवायद के बाद कार के मालिक का पता चला और पुलिस फौरन उसकी तलाश में निकल पड़ी। दिल्ली पुलिस ने इस केस को 24 घंटे से भी कम वक्त में सुलझा लिया है। लेकिन जिस किसी ने भी इस वारदात के बारे में सुना, वो हैरान रह गया।