Saturday, November 02, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. बच्चों पर Covaxin के ट्रायल पर रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार, केंद्र और भारत बायोटेक को नोटिस जारी

बच्चों पर Covaxin के ट्रायल पर रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार, केंद्र और भारत बायोटेक को नोटिस जारी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा ‘भारत बायोटेक’ को कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर परीक्षण के लिए दी गई अनुमति रद्द करने के लिए दायर याचिका पर बुधवार को केन्द्र को नोटिस जारी किया।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 20, 2021 9:38 IST
बच्चों पर Covaxin के ट्रायल...- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE बच्चों पर Covaxin के ट्रायल पर रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार, केंद्र और भारत बायोटेक को नोटिस जारी

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा ‘भारत बायोटेक’ को कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर परीक्षण के लिए दी गई अनुमति रद्द करने के लिए दायर याचिका पर बुधवार को केन्द्र को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्रालय , महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और ‘भारत बायोटेक’ को नोटिस जारी किये। इन सभी को 15 जुलाई तक नोटिस के जवाब देने हैं। यह याचिका संजीव कुमार ने दायर की गई है।

अदालत ने हालांकि कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर ‘क्लीनिकल ट्रायल’ के लिए 12 मई को दी गई अनुमति पर कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। ‘क्लीनिकल ट्रायल’ 525 स्वस्थ स्वयंसेवकों पर किया जाएगा। इन्हें भी टीके 28 दिन के अंतर में दो खुराक में लगाए जाएंगे।

‘कोवैक्सीन’ का विकास हैदराबाद आधारित भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने किया है। यह उन दो टीकों में शामिल है, जिन्हें भारत में अभी व्यस्कों को लगाया जा रहा है। कुमार ने अपनी याचिका में संदेह व्यक्त किया है कि ट्रायल में हिस्सा लेने वाले बच्चों को टीका लगने से उनके स्वास्थ्य या मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि ट्रायल में हिस्सा लेने वाले बच्चों को स्वयंसेवक नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वे ट्रायल से उन पर पड़ने वाले परिणाम को समझने के सक्षम नहीं है। याचिका में कहा गया कि स्वस्थ बच्चों पर यह परीक्षण करना ‘‘हत्या’’ के बराबर है। इसमें इस तरह के परीक्षणों में शामिल लोगों या इसे संचालित करने के लिए अधिकृत लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की गई है। 

 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement