नई दिल्ली: किसान आंदोलन में ड्यूटी कर रहे हजारों पुलिसकर्मियों को अब DTC की बस नहीं मिलेगी। दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस को बस देने से इनकार कर दिया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि DTC की तकरीबन 10% बस दिल्ली पुलिस की सेवा में हैं जबकि दिल्ली की बसों में अब भी कोरोना की वजह से स्टैंडिंग अलाउड नहीं है। इसलिए अब दिल्ली पुलिस को बस देना मुमकिन नहीं है।
दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस से अपनी बस वापस मांगी हैं। अपनी बसें वापस मांगकर दिल्ली सरकार एक तरह से आंदोलन को सपोर्ट कर रही है। अब एक-एक बस के लिए दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार से अनुमति मांगनी पड़ेगी और अगर दिल्ली सरकार ने अनुमति नहीं दी तो दिल्ली पुलिस को अपने लिए कुछ दूसरे इंतजाम करने पड़ेंगे। बता दें कि दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतरगत आती है।
गौरतलब है कि दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में बुधवार को भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध देखे गए, जहां हजारों किसान केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली के बाहरी इलाके गाजीपुर में प्रदर्शन स्थल पर पांचवें दिन भी इंटरनेट सेवाएं बाधित रहीं। गाजियाबाद पुलिस अधीक्षक (सिटी-2) ज्ञानेन्द्र सिंह ने कहा, ''इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं, लेकिन प्रदर्शन स्थल पर भीड़ होने के चलते इसमें कुछ दिक्कतें आ सकती हैं या फिर इसकी गति धीमी हो सकती है।''
भारतीय किसान यूनियन के मेरठ जोन के अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा कि बुधवार तड़के यूनियन के नेता राकेश टिकैत और अन्य समर्थकों के साथ हरियाणा के जींद के लिये रवाना होने से पहले तक गाजीपुर में इंटरनेट काम कर रहा था। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था कि सिंघू, टीकरी तथा गाजीपुर सीमाओं और इसके आसपास के इलाकों में 29 जनवरी रात 11 बजे से 31 जनवरी रात 11 बजे तक इंटरनेट सेवाएं प्रभावित रहेंगी। बाद में पाबंदी को दो फरवरी रात 11 बजे तक बढ़ा दिया गया था।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा, ''फिलहाल इन तीनों स्थानों पर इंटरनेट पाबंदी को नहीं बढ़ाया गया है।'' हालांकि, प्रदर्शनकारियों के दिल्ली में प्रवेश को रोकने के मद्देनजर गाजीपुर की किलेबंदी बरकरार है, जहां सड़को पर कीलें लगाने के साथ साथ लोहे और कंक्रीट के अवरोधक लगाए हैं। साथ ही कंटीले तार भी लगाए गए हैं। इसके अलावा भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने प्रदर्शन स्थलों पर सुरक्षा हालात के बारे में मंगलवार को मीडिया को बताया था कि ''हमने केवल अवरोधकों को मजबूत किया है ताकि इन्हें तोड़ा न जा सके।''