![delhi government allows sedition charges against kanhaiya kumar](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
नई दिल्ली: कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने को लेकर दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को इसकी मंजूरी दे दी है। जेएनयू में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के मामले में घिरे कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने को लेकर दिल्ली सरकार से मंजूरी की जरुरत थी जिसे अब दे दिया गया है। 9 फरवरी, 2016 को 2002 संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी की सजा दिए जाने की बरसी पर जेएनयू परिसर में देश विरोधी नारे लगे थे। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 1200 पन्नों का आरोपपत्र दाखिर किया था और कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और सात अन्य कश्मीरी छात्रों को मुख्य आरोपी बनाया था।
इस मामले पर कन्हैया कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहली बार चार्जशीट तब दाखिल की गई थी, जब मैं चुनाव लड़ने वाला था और अब बिहार में फिर से चुनाव होने वाले हैं। बिहार में एनडीए सरकार है, राज्य सरकार ने एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया है। यह स्पष्ट है कि यह मामला राजनीतिक लाभ के लिए बनाया गया और विलंबित हुआ। मैं एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल चाहता हूं ताकि पूरे देश को पता चले कि कैसे सेडिशन जैसे कानून का दुरुपयोग हो रहा है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 24 फरवरी को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ वर्ष 2016 के देशद्रोह मामले को लेकर समयबद्ध अभियोजन को मंजूरी देने के लिए दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि अदालत ऐसे सामान्य अनुरोध को लेकर ऐसा नहीं कर सकती।
निचली अदालत ने भी इस बाबत दिल्ली सरकार को निर्देश देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद वकील शशांक देव सुधी ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। डीओ सुधी ने कहा था कि तीन महीने के भीतर अभियोजन स्वीकृति पर फैसला दिया जाना था, लेकिन यह मामला दिल्ली सरकार के पास एक साल से अधिक समय से लंबित है।