नई दिल्ली: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में जो कोहराम मचा उसे लेकर अब बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को जांच में इस हिंसा और उपद्रव में खालिस्तानी हाथ होने के सबूत मिले हैं। जांच में यह पता चला है कि खालिस्तानी ट्विटर हैंडल से दिल्ली में दंगे की बहुत बड़ी साज़िश रची गई। इसके लिए कई भड़काऊ ट्वीट किए गए हैं। अब ये सभी ट्विटर हैंडल दिल्ली पुलिस के रडार पर हैं। पुलिस इसके कंटेंट जुटा रही है और साथ ही ये भी पता किया जा रहा है कि ये ट्विटर हैंडल, कहां और कब बने और इसे किसने इन्हें बनाया। एक जानकारी के मुताबिक लाल किले पर दूसरा झंडा फहराने के लिए खालिस्तानी संगठनों की तरफ से इनाम का भी ऐलान किया गया था। फिलहाल पुलिस सारे तथ्यों की डिटेल खंगालने में जुटी है।
उधर, दिल्ली में हिंसा के दौरान जिन दंगाइयों ने पुलिस पर हमले किए उनके खिलाफ अब एक्शन शुरू हो गया है। दंगे में शामिल 6 संदिग्धों की दिल्ली पुलिस ने पहचान कर ली है। दिल्ली पुलिस अब इन छह लोगों की सरगर्मी से तलाश कर रही है। सोशल मीडिया और दूसरे सूत्रों से पुलिस ने 160 से ज्यादा वीडियो फूटेज जमा किए हैं। वहीं दिल्ली पुलिस आंदोलन शुरू होने से 26 जनवरी तक बने नए व्हाट्सएप ग्रुप की भी जांच कर रही है। साथ ही दंगाइयों पर देशद्रोह के कानून की धाराएं लगाई गई हैं।
उधर, दिल्ली पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में एक प्राथमिकी में दर्शन पाल और योगेन्द्र यादव समेत 37 किसान नेताओं के नाम लिये है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने कहा कि वे उनकी भूमिका की जांच करेंगे। पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में अब तक 22 प्राथमिकी दर्ज की है और कुल 200 लोगों को हिरासत में लिया है। हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गये थे। प्राथमिकी में आईपीसी की कई धाराओं का उल्लेख है जिनमें 307 (हत्या का प्रयास), 147 (दंगों के लिए सजा), 353 (किसी व्यक्ति द्वारा एक लोक सेवक / सरकारी कर्मचारी को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकना) और 120बी (आपराधिक साजिश) शामिल हैं।
गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान उपद्रवी तत्वों ने राजधानी में उपद्रव और हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया था। पुलिसवालों पर हमले किए थे।
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