नयी दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार को कहा कि फसलों की पराली जलाए जाने की समस्या से निपटने का तरीका खोजने के लिए केन्द्र राष्ट्रीय राजधानी के पड़ोसी राज्यों के साथ तत्काल आपात बैठक करे क्योंकि इससे शहर की वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो जाती है। दिल्ली में रविवार की सुबह आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद गंभीर श्रेणी में 437 दर्ज किया गया, शनिवार को यह 449 था।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटना और दिल्ली में वायु गुणवत्ता के खराब होने में प्रत्यक्ष संबंध है, जैसा कि आंकड़ों से दिखता है। उन्होंने कहा, ‘‘दीवाली पर पटाखे जलाने का भी कुछ प्रभाव था, लेकिन अब यह कम हो रहा है। लेकिन पराली जलने का प्रभाव दिल्ली में वायु गुणवत्ता को लगातार खराब करता जा रहा है।’’
राय ने कहा कि उन्होंने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत राज्यों के साथ ‘आपात’ बैठक करने की मांग की है ताकि पराली जलने और राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान खोजा जा सके। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाया जाना ही सर्दियों के मौसम में दिल्ली की खराब होती वायु गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार है।
उल्लेखनीय है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।