नयी दिल्ली: महानगर की एक अदालत ने दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित रूप से हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक प्रकाश जरवाल को आज जमानत देने से इंकार कर दिया। सत्र अदालत ने साथ ही कहा कि वह इस बात की अनदेखी नहीं कर सकती कि विधायक ने ‘‘अपने कर्तव्य के ईमानदारी से निर्वहन कर रहे’’ 56 साल के एक सरकारी नौकर की ‘‘मर्यादा को सरेआम चोट पहुंचायी।’’
विशेष न्यायाधीश अंजू बजाज चंदना ने देवली क्षेत्र के विधायक जरवाल की जमानत याचिका पर विचार करने से मना कर दिया। विधायक ने इस आधार पर अपने लिए राहत की मांग की थी कि वह युवा हैं और उनकी हाल ही में शादी हुई है। न्यायाधीश ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘यह एक साधारण हमले का मामला नहीं है। शीर्ष नौकरशाह के साथ आक्रामक व्यवहार, वह भी मुख्यमंत्री के घर पर, खुद में यह दिखाता है कि याचिकाकर्ता कानून का सम्मान नहीं करता और अपने हित पूरे करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह न केवल अलोकतांत्रिक है और सुशासन के सिद्धांतों के खिलाफ है बल्कि इससे दूसरे अधिकारियों के मन में भय पैदा होगा और कानून प्रवर्तन तंत्र में लोगों का विश्वास हिल जाएगा। स्थिति इससे ज्यादा खतरनाक नहीं हो सकती है जब कानून बनाने वाले खुद कानून के शासन का सम्मान नहीं करते।’’ अदालत ने कहा कि जरवाल को जमानत पर रिहा किया गया तो ऐसी संभावना है कि वह गवाहों को प्रभावित करने की या सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश करें।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अपराध की गंभीरता और आरोपी की पूर्व संलिप्तताओं को ध्यान में रखते हुए तथा एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े जांच की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए मैं पाती हूं कि आरोपी को नियमित जमानत देना मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।’’ विधायक की याचिका खारिज करते हुए अदालत ने इस बात का संज्ञान लिया कि मुख्य सचिव की चिकित्सा रिपोर्ट और साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वी के जैन के बयान से प्रकाश के आरोपों की पुष्टि होती है।
इससे पहले गत 23 फरवरी को एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मामले में दो विधायकों जरवाल एवं अमानतुल्ला खान को जमानत देने से मना कर दिया था। सत्र अदालत में जरवाल के लिए जमानत की मांग करते हुए उनके वकील बी एस जून ने दलील दी कि उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए हैं और वे ‘‘हिस्ट्री शीटर नहीं’’ हैं। दोनों को 22 फरवरी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।