दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने मार्च में निजामुद्दन मरकज में शिरकत करने वाले 400 विदेशी जमातियों को राहत दी है। दिल्ली पुलिस ने उनके पासपोर्ट वापस कर दिए हैं। पुलिस के मुताबिक ये सभी अपनी सजा पूरी कर चुके हैं और जुर्माना भी भर चुके हैं।अदालत के आदेश के बाद इनके पासपोर्ट वापस किये गए हैं। इससे पहले निचली अदालतों से एक-एक दिन की सजा दिए जाने के अलावा इन पर पांच से दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
बता दें कि दिल्ली में कुल 1950 विदेशी जमाती पकड़े गए थे। इनमें से 400 के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पूरी हो गई है। शेष बचे 1550 जमातियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया से निबटने की कार्रवाई जारी है। जिन जमातियों के खिलाफ कार्रवाई पूरी हो रही है, उनके देश के दूतावासों को सूचित कर दिया जा रहा है ताकि आरोपित, दूतावास की मदद से एफआरआरओ से वीजा बनवा वापस अपने देश लौट सके। पुलिस उक्त जमातियों के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर भी वापस ले रही है।
गृह मंत्रालय ने सभी विदेशी जमातियों के भारत आने पर दस साल का प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि कई सालों से ये जमाती टूरिस्ट वीजा पर भारत आकर देशभर में अवैध तरीके से धर्म विशेष का प्रचार करते थे।
जानकारी के मुताबिक, सभी जमाती भारत टूरिस्ट वीजा के जरिए आए थे और जमात में शामिल हुए थे। वीजा शर्तों के उल्लंघन मामले पर भारत सरकार ने सभी के वीजा रद्द कर दिए थे। जिससे कोई भी देश से बाहर ना जा सके। खबरों के मुताबिक, मलेशिया के कुछ लोग झूठ बोल कर उनके देश की स्पेशल फ्लाइट से जाना चाह रहे थे। तभी उन्हें इस वजह से दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा था। इन सभी के खिलाफ विदेशी अधिनियम और वीजा फ्रॉड का मामला दर्ज कर दिल्ली पुलिस जांच कर रही है।
आरोप है कि दुनिया भर से हजारों की संख्या में निजामुद्दीन मरकज में आए जमातियों ने यहां से निकल कर देशभर में कोरोना वायरस फैलाया। निजामुद्दीन के इसी मरकज पर हुकूमत करने वाला मौलाना साद अभी भी फरार है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच मौलाना साद की खोज में प्रयासरत है।