नई दिल्ली: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा है कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सोमवार से आपात कार्य योजना लागू की जाएगी। हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में जाने का संकेत मिलने के बीच विभिन्न कदम उठाए जाने की योजना है। आपात योजना यानि श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत शहर में वायु गुणवत्ता के आधार पर सख्त कदम उठाए जाते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि ‘मध्यम से खराब’ श्रेणी में वायु गुणवत्ता होने पर कचरा फेंकने वाले स्थानों पर कचरा जलाना रोक दिया जाता है और ईंट भट्ठी तथा उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण के सभी नियमनों को लागू किया जाता है।
हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में होने पर डीजल से चलने वाली जेनरेटर मशीनों का इस्तेमाल रोक दिया जाता है और मशीनीकृत वाहनों से सड़कों की सफाई की जाती है। इसके साथ ही पानी से भी छिड़काव किया जाता है और अत्यधिक धूल वाले मार्गों को चिन्हित किया जाता है। इसके बाद, अगर हवा की गुणवत्ता ‘बहुत बहुत खराब से आपात’ श्रेणी में होती है तो कुछ और अतिरिक्त कदम उठाए जाते हैं। दिल्ली में ट्रकों (आवाश्यक सामानों को ढोने वाले ट्रकों को छोड़कर) का प्रवेश रोका जाता है, निर्माण गतिविधियां रोक दी जाती हैं तथा स्कूल बंद करने सहित किसी भी अतिरिक्त उपाय पर फैसले के लिए कार्यबल का गठन किया जाता है।
सोमवार से हवा की गुणवत्ता किस तरह रहती है, इसके आधार पर विभिन्न कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल, हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में है लेकिन अधिकारियों का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में यह बहुत खराब श्रेणी में जा सकती है। जीआरएपी के अलावा सीपीसीबी ने विभिन्न स्रोतों से प्रदूषण रोकने के वास्ते नियमों के समुचित क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए दिल्ली एनसीआर में 41 टीमों को भी तैनात किया है। सीपीसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि 11 अक्टूबर तक दिल्ली एनसीआर में दलों ने 96 जगहों का मुआइना किया और निरीक्षण की कवायद आगामी दिनों में और तेज की जाएगी।